इंडिया टुडे कॉन्क्लेव के सेशन, 'The Winning Mantra: Who Will Win the Battle of 2014' में शिरकत करते हुए राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि अगर देश में बड़ा परिवर्तन लाना है, तो सभी को मिलकर प्रयास करना होगा. उन्होंने कहा कि यह किसी एक व्यक्ति या एक पार्टी का मिशन नहीं होना चाहिए.
राजस्थान में हाल ही में सत्ता हासिल करने वाली वसुंधरा राजे ने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान हमने पाया कि सिर्फ रुपये पा लेने भर से लोग अमीर नहीं हो जा रहे हैं. ठोस योजनाओं का होना बहुत जरूरी है.
उन्होंने कहा कि समाज में उच्च वर्ग और हाशिए पर जिंदगी पर गुजारने को मजबूर लोगों के बीच बड़ा फासला है, जो लगातार बढ़ता ही जा रहा है.
भारत के विकास दर को कम नहीं आंका सकते: सिब्बल
वसुंधरा राज की बात से आगे चर्चा बढ़ाते हुए केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि संसद के बाहर तो बीजेपी एकजुट होने की अपील करती है, जबकि सदन में विरोध की राजनीति करती है. कई अहम बिल इस वजह से लटके रह गए. उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसी स्थिति में सरकार कैसे बड़े फैसले कर सकती है.
'मोदीनॉमिक्स' की चर्चा आने पर सिब्बल ने कहा कि उन्हें इस टर्म का कोई ज्ञान नहीं है. उन्होंने मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि इसका अर्थ वे यही समझते हैं कि जमीनों को किसानों से लेना और बड़े उद्योगपतियों के हवाले कर देना.
यूपीए-2 के दौरान कम विकास दर हासिल करने के आरोपों पर सफाई पेश करते हुए सिब्बल ने तर्क दिया कि दक्षिण अफ्रीका, रूस आदि देशों की तुलना में भारत ने करीब 2 फीसदी ज्यादा विकास किया है. उन्होंने कहा कि अगर एक बड़े स्केल पर देखा, जाए तो भारत का विकास दर कम नहीं कहा जा सकता है.
सेशन की शुरुआत में राहुल कंवल ने वसुंधरा राजे को 'आम आदमी महारानी' कहकर संबोधित किया. इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में भी इन सियासी दिग्गजों के बीच जुबानी जंग की तपिश महसूस की गई.