अहमदाबाद में प्रवासी भारतीय दिवस समारोह के मौके पर अखिलेश यादव सरकार द्वारा विकास के क्षेत्र में उठाए गए कदमों के प्रचार के लिए लगाए गए पोस्टर और होर्डिंग को हटा दिए जाने पर तीखी आपत्ति जताई है.
प्रदेश के सूचना विभाग के प्रमुख सचिव नवनीत सहगल ने इस संबंध में गुजरात सरकार को एक पत्र लिखकर अहमदाबाद नगर निगम द्वारा 30 दिसंबर को उत्तर प्रदेश के विकास के प्रचार में लगाए गए ऐसे 60 पोस्टर होर्डिंग को हटाने पर नाराजगी जताई है. सहगल ने अपने पत्र में कहा, 'अहमदाबाद नगर निगम के अधिकारियों ने यूपी सरकार के विकास कार्यों को प्रचारित करने वाले पोस्टर और होर्डिंग हटा ही दिए. साथ ही इस काम का जिम्मा संभाल रही एजेंसी को धमकाया भी.'
उन्होंने गुजरात सरकार से संबंधित अधिकारियों को अपनी भूल सुधारने का निर्देश देने का आग्रह करते हुए कहा है कि जिस एजेंसी ने प्रदेश सरकार के कार्यों के प्रचार के पोस्टर लगाये थे, उसने अहमदाबाद नगर निगम से इस काम के लिए अनुमति ली थी. सहगल ने अपने पत्र में आगे कहा, 'पोस्टरों को हटाना और उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से अपने कार्यों के प्रचार के लिए लगायी गयी एजेंसी को धमकाना कानूनी रूप से तो गलत है ही, इससे दूसरे राज्यों के लिए काम करने वाली एजेंसियों को प्रताड़ित करने की धारणा बनती है.'
गुजरात की राजधानी गांधीनगर में गुरुवार से शुरू हुए 13वें प्रवासी भारतीय दिवस के मौके पर यूपी सरकार के सूचना विभाग की तरफ से हवाई अड्डे से आयोजन स्थल के बीच यूपी राइजिंग (प्रगति पथ पर उत्तर प्रदेश) की 100 होर्डिंग 15 जनवरी तक के लिए लगायी गयी थीं.
यूपी सरकार के प्रवासी भारतीय विभाग के सलाहकार मधुकर जेटली के मुताबिक, 'प्रवासी भारतीय समरोह में उत्तर प्रदेश मूल के 150 से अधिक प्रवासियों ने अब तक अपना पंजीकरण करा लिया है और उत्तर प्रदेश सरकार एक विशेष सत्र में उनके समक्ष प्रदेश में चल रहे विकास कार्यों, औद्योगिक संभावनाओं के साथ ही प्रवासी भारतीयों को दी जाने वाली सुविधाओं की जानकारी देगी.'
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव 09 जनवरी को होने वाले इस विशेष सत्र को स्वयं संबोधित करेंगे और उसके समक्ष प्रदेश में मौजूद संभावनाओं को प्रस्तुत करते हुए उन्हें निवेश के लिए आमंत्रित करेंगे.