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दिग्गी ने फेंका उर्जित पटेल पर 'बाउंसर', मनमोहन बोले 'नो बॉल'

उर्जित पटेल ने इसका भी जवाब नहीं दिया कि अभी तक नोटबंदी के बाद से पुराने नोट में कितनी रकम वापिस बैंकिंग सिस्टम में आई है. समिति के कई सदस्यों ने मांग की कि आरबीआई गवर्नर को एक बार फिर बुलाया जाए.

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भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल

संसद की वित्त समिति के सामने आज रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर उर्जित पटेल पेश हुए. इस दौरान समिति के सदस्यों ने उनसे तीखे सवाल पूछे. ऐसा ही एक सवाल कांग्रेस के महासचिव दिग्विजय सिंह ने भी पूछा लेकिन उर्जित सवाल के उस बाउंसर को झेलते, उससे पहले ही उन्हीं की पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने उसे नो बॉल करार दिया.

दरअसल दिग्विजय सिंह ने नोटबंदी के चलते बैंकों से रुपये की निकासी की सीमा के बारे में पूछा कि ये कब तक जारी रहेगी. जवाब में उर्जित पटेल ने कहा कि हम कोशिश कर रहे हैं. कार्ड होल्डर 12 से 13 हजार रुपये हर हफ्ते निकालते हैं और महीने में ये 50 हजार रुपये होता है लेकिन हमने तो महीने में एक लाख की लिमिट कर दी है.

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इसपर उर्जित पटेल से दिग्विजय ने पूछा कि आपको क्या डर है कि पैसा निकालने की सीमा हटा दी जाएगी तो देश में अफरा-तफरी मच जाएगी, उर्जित इस सवाल से थोड़ा असहज हुए लेकिन तभी मनमोहन सिंह ने टोकते हुए कहा कि जरूरत नहीं है, इसका जवाब मत दीजिए.

सूत्रों के मुताबिक आरबीआई गवर्नर ने संसदीय मामलों की वित्त समिति को बताया कि अभी तक 9.2 लाख करोड़ के नए नोट बैंकिंग सिस्टम में आ गए हैं. आरबीआई गवर्नर ने इस बात का कोई जबाब नहीं दिया कि बैंकिंग सिस्टम कब से नॉर्मल हो जाएगा.

उर्जित पटेल ने इसका भी जवाब नहीं दिया कि अभी तक नोटबंदी के बाद से पुराने नोट में कितनी रकम वापिस बैंकिंग सिस्टम में आई है. समिति के कई सदस्यों ने मांग की कि आरबीआई गवर्नर को एक बार फिर बुलाया जाए. विपक्ष के सदस्य गवर्नर के जवाब से संतुष्ट नहीं थे.

पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता वीरप्पा मोइली के नेतृत्व वाली संसद की वित्त मामलों की स्थायी समिति के सामने पटेल के अलावा वित्त मंत्रालय के आर्थ‍िक मामले, वित्तीय सेवाओं और राजस्व विभाग के वरिष्ठ अध‍िकारी भी पेश हुए.

इस दौरान इंडियन बैंक्स एसोसिएशन, भारतीय स्टेट बैंक , पंजाब नेशनल बैंक, ओरिएंटल बैंक कॉमर्स के प्रतिनिध‍ि भी मौजूद रहे. इस बैठक में चर्चा का विषय रहा- 500 और 1000 के करेंसी नोट की नोटबंदी और उसका असर'. इसके बाद रिजर्व बैंक के गवर्नर 20 जनवरी को संसद की लोक लेखा समिति के सामने भी पेश होंगे.

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