राम मंदिर आंदोलन का प्रमुख चेहरा रही भारतीय जनता पार्टी की नेता और केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने बुधवार को 'राम भक्तों' से कहा कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस सुझाव का समर्थन करें कि मंदिर निर्माण के लिए कानून बनाने की मांग पर विचार न्यायिक प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही किया जा सकता है.
केंद्रीय मंत्री की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब विश्व हिन्दू परिषद ने जोर दिया है कि मंदिर निर्माण का मार्ग सिर्फ कानून लाकर ही प्रशस्त किया जा सकता है और हिन्दू अनंतकाल तक प्रतीक्षा नहीं कर सकते. बता दें कि मंगलवार को न्यूज एजेंसी एएनआई पर पीएम मोदी का इंटरव्यू प्रसारित किया गया था, जिसमें उन्होंने राम मंदिर निर्माण के मसले पर कहा था कि अध्यादेश के बारे में कानूनी प्रक्रिया के बाद ही विचार किया जाएगा.
उमा भारती ने ट्वीट कर कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक व्यापक साक्षात्कार दिया है जिसमें राम मंदिर का मुद्दा भी है. सभी राम भक्तों को इससे सहमत होना चाहिए.' उन्होंने कहा कि मोदी की टिप्पणी मंदिर निर्माण के मार्ग में रोड़ा नहीं अटकाती है क्योंकि विभिन्न समूहों से बातचीत के जरिए मंदिर निर्माण का विकल्प खुला है.
उमा भारती ने राहुल गांधी , मायावती, ममता बनर्जी जैसे विपक्षी नेताओं से अपील की है कि वे मंदिर निर्माण के लिए सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की मदद करें. उन्होंने ट्वीट किया, 'मंदिर का निर्माण कठिन होने के साथ-साथ सरल है. अगर सभी राजनीतिक पार्टियां इस पर उसी तरह से सहमत हो जाएं जैसे सोमनाथ मंदिर के निर्माण के लिए हुई थी तो इससे अच्छा कुछ नहीं हो सकता है. अगर मामले को अनसुलझा छोड़ दिया जाए तो सिर्फ राम ही जानते हैं कि इसका (मामले का) समापन कैसे होगा.