scorecardresearch
 

त्रिपुरा सरकार का बड़ा फैसला, पुलिसबल में महिलाओं के लिए 10% पद आरक्षित

फैसले के बाद त्रिपुरा सीएम बिप्लब कुमार देब ने कहा कि राज्य सरकार ने नई पॉलिसी लाने का फैसला लिया है. इससे पहले त्रिपुरा में कोई पारदर्शी नीति नहीं थी. उन्होंने कहा कि इसके साथ ही हमारी सरकार ने B, C और D कैटेगरी में इंटरव्यू की प्रथा को खत्म कर दिया है.

Advertisement
X
त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देब (File)
त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देब (File)

त्रिपुरा की भारतीय जनता पार्टी सरकार ने शनिवार को एक महत्वपूर्ण फैसले में अपने पुलिस बल में महिलाओं के लिए 10 फीसदी पदों को आरक्षित किया है. सरकार का कहना है कि ऐसा इसलिए किया गया है कि महिलाओं से संबंधित अपराधों का सामना दक्षता से किया जा सके. बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने की थी, जो गृह मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार भी संभाल रहे हैं.

फैसले के बाद त्रिपुरा सीएम बिप्लब कुमार देब ने कहा कि राज्य सरकार ने नई पॉलिसी लाने का फैसला लिया है. इससे पहले त्रिपुरा में कोई पारदर्शी नीति नहीं थी. उन्होंने कहा कि इसके साथ ही हमारी सरकार ने B, C और D कैटेगरी में इंटरव्यू की प्रथा को खत्म कर दिया है.

कैबिनेट बैठक के बाद शिक्षा एवं कानून मंत्री रतनलाल नाथ ने कहा, "अब से पुलिस बल में सभी तरह की भर्तियों में महिलाओं के लिए 10 फीसदी पद आरक्षित रहेंगे. फिलहाल त्रिपुरा पुलिस बल में चार फीसदी महिला पुलिस कर्मी हैं."

Advertisement

कृषि एवं परिवहन मंत्री प्रणजीत सिंह रॉय के साथ मौजूद नाथ ने बताया कि राज्य सरकार ने यह फैसला निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले पर सर्वोच्च न्यायालय की राय को दिमाग में रखते हुए किया है.

मंत्री ने कहा कि भारत के कई राज्यों में पुलिस बल में महिलाओं के लिए इस तरह उच्च आरक्षण नहीं है, अगर जरूरत पड़ी तो भविष्य में 10 फीसदी को बढ़ाया भी जा सकता है. मंत्री के मुताबिक, वर्तमान में 26 हजार पुलिसकर्मी हैं, जिसमें 1,200 महिलाएं शामिल हैं.

त्रिपुरा के पुलिस महानिदेशक अखिल कुमार शुक्ला ने राज्य सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि इससे महिला से संबंधित अपराधों से सामना करने में मदद मिलेगी. पुलिस प्रमुख ने बताया, "महिला पुलिसकर्मी, मेरा मानना है कि इससे महिलाओं से संबंधित मामलों में बेहतर परिणाम हासिल होंगे."

Advertisement
Advertisement