भारत आज इतिहास रचने की तैयारी में है. ऐसे में पूरी दुनिया की नजर भारत पर टिकी रहेगी. आज (सोमवार) दोपहर 2:43 बजे चांद पर जाने के लिए चंद्रयान 2 रवाना होगा. चंद्रयान 2 लॉन्चिंग के लिए सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र पूरी तरीके से तैयार है.
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष के. सिवन ने रविवार को बताया कि आज शाम 6:43 बजे से चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है.
इसरो (ISRO) के वैज्ञानिकों के मुताबिक, सबकुछ सामान्य है. उम्मीद है कि आज दोपहर 2:43 पर चंद्रयान 2 की लॉन्चिंग हो जाएगी. इस महत्वपूर्ण मिशन के लिए इसरो के चेयरमैन रविवार को ही सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र श्रीहरिकोटा पहुंच चुके हैं.
चंद्रयान 2 भारत का महत्वाकांक्षी स्पेस मिशन है. इस मिशन में पहली दफा ऐसा हो रहा है जब भारत के वैज्ञानिक चंद्रमा की सतह पर कोई स्पेसक्राफ्ट उतार रहे हैं. चंद्रयान 2 मिशन के तहत भारत चंद्रमा के उस हिस्से में रोवर उतार रहा है, जहां पर अभी तक किसी भी देश का कोई भी अंतरिक्षयान नहीं उतरा है.
जाने-माने वैज्ञानिक व प्रोफेसर आरसी कपूर के मुताबिक, भारत ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव को अपनी खोजबीन का टारगेट बनाया है. उन्होंने बताया कि चंद्रमा पर उतरने वाले रोवर में खास तरीके के उपकरण लगाए गए हैं. इन उपकरणों के जरिए चंद्रमा की सतह पर भूकंपीय गतिविधियों का अध्ययन भी किया जाएगा. साथ ही साथ चंद्रमा की सतह पर मौजूद मिट्टी में कौन-कौन से तत्व हैं इसका विश्लेषण भी किया जाएगा.
गौरतलब है कि चंद्रयान 1 के जरिए भारत ने चंद्रमा पर पानी होने की जबरदस्त खोज दुनिया के सामने रखी थी, इसलिए ऐसी उम्मीद है कि चंद्रयान 2 चंद्रमा के तमाम ऐसे रहस्य से पर्दा हटाएगा जो अब तक अनसुलझे हैं. चंद्रयान 2 के लिए भारत जीएसएलवी मार्क 3 रॉकेट का इस्तेमाल कर रहा है, जिसमें क्रायोजेनिक तकनीक का इस्तेमाल हो रहा है.
तकनीकी खराबी से टल गई थी लॉन्चिंग
15 जुलाई को अंतिम समय में चंद्रयान 2 की लॉन्चिंग को तकनीकी खराबी के चलते टाल दिया गया था. इसरो (ISRO) के सूत्रों के मुताबिक, अंतिम समय में क्रायोजेनिक स्टेज में इतना प्रेशर नहीं बन पा रहा था जितना अपेक्षित था. इसकी वजह क्रायोजेनिक इंजन में इस्तेमाल होने वाले हीलियम में लीकेज की समस्या बताई गई थी. जिसके बाद 56 मिनट 24 सेकेंड पहले लॉन्चिंग को टालने का फैसला लिया गया था. उसके बाद इसरो के वैज्ञानिकों ने समस्या को समझा और समस्या का समाधान करने के बाद 7 दिन के भीतर ही 22 जुलाई को चंद्रयान 2 की लॉन्चिंग का फैसला लिया.