संजय दत्त की 'पुलिसगिरी' की शूटिंग पूरी हो गई, लेकिन फिल्म की शूटिंग के दौरान संजय दत्त रो पड़े. जब तक यह फिल्म बड़े पर्दे पर आएगी, तब तक संजय दत्त शायद सलाखों के पीछे होंगे.
कहा जाता है कि हंसने वाले का दुनिया साथ देती है, पर रोने वाले का कोई साथ नहीं देता. लेकिन संजू बाबा की 'हैसियत' ही कुछ ऐसी है कि उनके साथ या उनके नाम पर रोने वाले लोग कतार में खड़े नजर आ रहे हैं. उनकी माफी के लिए तरह-तरह के जतन किए जा रहे हैं.
जब बहन के गले लगकर फूट-फूटकर रोए संजू बाबा...
जमाने का एक दस्तूर यह भी है कि बलवान का हर कोई साथ देता है, पर निर्बल का कोई साथ नहीं देता. इसका जीता-जागता उदाहरण है पीडि़तों का वह परिवार, जिसने मुंबई विस्फोट में अपने प्रियजनों को खोया है. और तो और, इन पीडि़त परिवारों के आंसू किसी के पोंछे जाने से पहले ही सूख जा रहे हैं.
देश के लिए यह भूलने की बात नहीं है कि मुंबई में सिलसलेवार 13 बम विस्फोटों में 257 लोग मारे गए थे और 713 लोग घायल हुए थे.
शूटिंग के दौरान हुए भावुक
जहां तक बात संजय दत्त की है, उन्हें अब जेल जाने का डर हर पल सता रहा है. जेल जाने में सिर्फ 6 दिन बाकी हैं और पुलिसगिरी की शूटिंग में संजय दत्त भावुक हो गए. उनके साथ स्टाफ भी भावुक हो गए और संजय दत्त गले मिलकर रो पड़े. संजय दत्त को अवैध हथियार रखने के मामले में 5 साल जेल की सजा हुई है. उन्हें अब 6 दिनों के भीतर सरेंडर करना है. इस बार दत्त को साढे़ तीन साल जेल काटनी होगी. साढ़े तीन साल के लिए वे अपनों से दूर रहेंगे.
वक्त है कम, काम ज्यादा
संजय दत्त इन दिनों बेहद तनाव में हैं, लेकिन तमाम तनाव और दबाव के बावजूद उन्होंने कुछ ऐसा किया है, जिसने उनके चाहनेवालों का दिल छू लिया है. वक्त कम है, काम ज्यादा और उससे भी ज्यादा है आनेवाले वक्त की चिंता. वह वक्त जो सरेंडर के बाद वे जेल में कटेंगे. संजय दत्त ने खुद अदालत के सामने माफी या पुनर्विचार की गुहार नहीं लगाई है, लेकिन ऊपरवाले के दरबार में अर्जी लगाने वे जरूर पहुंच रहे हैं.
संजय के सरेंडर का काउंटडाउन शुरू हो चुका है. बस एक हफ्ते का वक्त बचा है. मुश्किल की घड़ी बड़ी है. कहते हैं कि जब दवा काम न आए, तो फिर दुआ की दरकार पड़ती है.
अब दुआओं का ही आसरा
शूटिंग में व्यस्त संजय के पास वक्त कम है, लेकिन ईश्वर के सामने प्रार्थना भी जरूरी है. इसी सिलसिले में बुधवार की रात संजय दत्त नीमच में शहाबुद्दीन जी की दरगाह पर पहुंचे. कहा जाता है कि यहां दिल से मांगने पर हर मुराद पूरी हो जाती है. शायद यही वजह होगी कि संजय दत्त शूटिंग के बीच से वक्त निकालकर पहुंचे.
इसी विश्वास के साथ कुछ दिन पहले संजय दत्त मध्य प्रदेश के दतिया में पीतांबरा पीठ मंदिर भी पहुंचे थे. दतिया में पीतांबर पीठ का बड़ा ही सिद्ध मंदिर है, जहां संजय दत्त ने संकल्प पूजा की. पीतांबर पीठ में गुप्त पूजा होती है. कहा जा रहा है कि संजय दत्त के लिए पिछले कुछ दिनों से शक्ति पीठ पर पूजा चल रही थी, जिसके पूर्ण होने पर संजय दत्त ने देवी के दर शीश झुकाकर संकल्प लिया.
उल्टी गिनती हो चुकी है शुरू
18 अप्रैल को संजय की सजा पर माफी की सुनवाई है और सरेंडर करने की भी आखिरी तारीख यही है. यानी गिनती भर की तारीख बची है. उससे पहले संजय दत्त भगवान के दरबार में हाजिरी लगाकर दुआएं समेट लेना चाहते हैं. संजय के चाहनेवालों को भी भरोसा है कि दुआएं जरूर रंग लाएंगी.
क्या है पूरा मामला?
सुप्रीम कोर्ट ने साल 1993 के मुंबई बम विस्फोटों के मामले में संजय दत्त को 5 साल कैद की सजा सुनाई. कोर्ट ने इसी मामले में मुख्य आरोपी अब्दुल रज्जाक मेमन की सजा-ए-मौत को बरकरार रखा, जबकि अन्य 10 आरोपियों की मृत्युदंड की सजा को आजीवन कारावास में तब्दील कर दिया. कोर्ट ने संजय दत्त को अवैध हथियार रखने के आरोप में आर्म्स एक्ट के तहत 5 वर्ष कैद की सजा सुनाई.
मेमन के लिए निचली अदालत द्वारा सुनाई गई सजा-ए-मौत पर मुहर लगाते हुए न्यायमूर्ति पी. सदाशिवम एवं न्यायमूर्ति बी. एस. चौहान की खंडपीठ ने कहा कि मेमन और उसके परिवार की 12 मार्च 1993 के मुंबई बम धमाके की साजिश में अहम भूमिका रही है.
मुंबई में सिलसलेवार 13 बम विस्फोटों में 257 लोग मारे गए थे और 713 लोग घायल हुए थे. मुंबई में दिसंबर 1992 से जनवरी 1993 के बीच हुए हिंसक दंगों के प्रतिशोध में 12 मार्च 1993 को हुए इन आतंकी हमलों से देश की आर्थिक राजधानी बुरी तरह चरमरा गई थी. अयोध्या में 6 दिसंबर, 1992 को बाबरी मस्जिद गिराए जाने के बाद ये दंगे शुरू हुए थे.