सबरीमाला मंदिर में सभी उम्र वर्ग की महिलाओं के प्रवेश को इजाजत देने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले के समर्थन में सामने आने के कुछ दिनों बाद स्वामी संदीपानंद गिरी के कुंदमोनकादावु स्थित सलाग्रामम आश्रम में शनिवार तड़के हमला किया गया.
पुलिस ने बताया कि हमलावरों ने दो कारों और एक स्कूटर को आग के हवाले कर दिया गया. साथ ही उन्होंने बताया कि हमलावर आश्रम में फूलों का एक हार भी छोड़ कर गए. वहीं, स्कूल ऑफ भगवत गीता के डायरेक्टर संदीपानंद गिरी ने हमले के लिए राइट-विंग संगठनों को जिम्मेदार ठहराया है.
इंडिया टुडे से बातचीत के दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि उनको हमेशा संघ परिवार से धमकी मिली है. गिरी ने कहा, 'यह पहली बार नहीं है, जब मुझ पर हमला किया गया. कुछ साल पहले भी मुझ पर RSS ने हमला किया था. पिछले सप्ताह आश्रम तक विरोध मार्च निकाला गया था और अब वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया और एक माला छोड़ी गई है. उनका कहना है कि यह सिर्फ एक वॉर्निंग है. हालांकि मैं ऐसे हमलों के खिलाफ लगातार लड़ाई लड़ता रहूंगा.'
बता दें कि स्वामी संदीपानंद गिरी ने सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले का स्वागत किया था, जिसमें 10 से 50 साल की महिलाओं को सबरीमाला मंदिर में प्रवेश करने और भगवान अयप्पा की पूजा अर्चना करने की अनुमति दी गई है.
वहीं, आश्रम का दौरा करने वाले केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने सख्त लहजे में कहा कि मामले में आरोपी कोई भी हों, उनके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि हमलावरों का मकसद आश्रम को नहीं, बल्कि स्वामीजी को नुकसान पहुंचाना था.
हमले पर प्रतिक्रिया देते हुए संदीपानंद गिरी ने आरोप लगाया कि हमले के लिए भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष पीएस श्रीधरण पिल्लई और सबरीमाला मंदिर के पारंपरिक प्रमुख पुजारियों के परिवार सताजमोन मदोम व पंडालम शाही परिवार जिम्मेदार हैं. डीजीपी लोकनाथ बेहरा ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
उन्होंने कहा, 'हम राज्य में इस तरह की घटनाओं को नहीं बर्दाश्त करेंगे.' हालांकि भाजपा के जिला नेतृत्व ने हमले में किसी भी तरह भूमिका से इनकार किया है और घटना की निष्पक्ष जांच की मांग की.