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सबरीमाला मामले में हिंसा भड़काने के आरोप में 210 लोगों के खिलाफ लुक आउट नोटिस

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बावजूद सबरीमाला मंदिर के गर्भगृह में सभी उम्र की महिलाएं प्रवेश नहीं कर पाईं, फैसले से नाराज संगठनों ने कपाट खुलने के पहले दिन से प्रदर्शन और  हिंसा का दौर चला.

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सबरीमाला पर SC के फैसले के बाद  चला हिंसा और प्रदर्शन का दौर (फाइल फोटो: पीटीआई)
सबरीमाला पर SC के फैसले के बाद चला हिंसा और प्रदर्शन का दौर (फाइल फोटो: पीटीआई)

सबरीमाला मंदिर में सभी आयुवर्ग की महिलाओं की एंट्री पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में हुई हिंसा के बाद केरल पुलिस हरकत में आ गई है. पुलिस ने बड़े पैमाने पर लोगों को चिन्हित कर उनके खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया है.

केरल पुलिस ने सबरीमाला, नीलक्कल और पम्बा जिले में हिंसा भड़काने के आरोप में 210 संदिग्ध लोगों के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी कर उनकी तलाश शुरू कर दी है. यह नोटिस सभी जिलों के आला पुलिस अधिकारियों के बीच प्रसारित की गई है. माना जा रहा है कि आरोपियों की तस्वीर जारी होने के बाद इस मामले में बड़े पैमाने पर गिरफ्तारी हो सकती है.

प्रशासन की तरफ से सबरीमाला मंदिर में भगवान अयप्पा के दर्शन करने जाने वाले श्रद्धालुओं और पत्रकारों के साथ हिंसा को भी संज्ञान में लिया गया है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सबरीमाला मंदिर के कपाट सभी आयु वर्ग की महिलाओं के लिए खोल दिए गए थे. लेकिन कपाट खुलने के 6 दिन बाद भी हिंदुवादी संगठनों के उग्र प्रदर्शन की वजह से सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन नहीं कराया जा सका. सोमवार को मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए.

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बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले केरल के प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर में 10 से 50 वर्ष की महिलाओं का प्रवेश वर्जित था. जिसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई का लंबा दौर चला. लेकिन कोर्ट ने समानता के अधिकार का हवाला देते हुए बैन हटाने का आदेश दिया था. जिसका विभिन्न हिंदूवादी संगठन परंपरा में दखल मानते हुए विरोध कर रहे थे.

दूसरी तरफ सर्वोच्च न्यायालय फैसले के खिलाफ अदालत में पुनर्विचार याचिकाएं भी दाखिल की गईं. जिसे सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार कर लिया और अब इस मामले में 13 नवंबर को सुनवाई होगी.

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