बीजिंग ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार ने भारतीय कुश्ती और अपने कैरियर में एक और जबरदस्त उपलब्धि हासिल करते हुए मास्को में चल रही विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच डाला.
भारत ने पहली बार कुश्ती चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक हासिल किया.
सुशील के कोच पदमश्री द्रोणाचार्य पुरस्कृत महाबली सतपाल ने स्वर्ण पदक पर खुशी जाहिर करते हुए कहा, ‘मैं बहुत खुश हूं कि राष्ट्रमंडल खेलों से पहले सुशील ने यह उपलब्धि हासिल की. अभी तक मेरा कोई भी शिष्य ऐसा कारनामा नहीं कर सका था, इसलिये मैं बहुत खुश हूं और इससे उसे राष्ट्रमंडल खेलों में काफी फायदा मिलेगा.’
सुशील ने फाइनल में रूस के गोगाएव एलेन को 2-0 से शिकस्त दी. इससे पहले आज सुबह 66 किग्रा में 32 पहलवानों वर्ग में उन्हें पहले राउंड में बाई मिली थी और फाइनल में खिताब जीतने तक इस भारतीय ने छह पहलवानों को परास्त किया.
यह विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप का छठा और अंतिम दिन था, जिसमें भारत ने तीन महिला समेत 10 पहलवानों का दल भेजा था लेकिन स्वर्णिम सफलता केवल सुशील के ही हाथ लगी.
हालांकि भारत इससे पहले विश्व चैम्पियनशिप में रजत और कांस्य पदक जीत चुका है, लेकिन स्वर्ण पदक की सफलता का स्वाद भारत ने पहली बार चखा.
पहले राउंड में बाई मिलने के बाद सुशील ने यूनान के ए एक्रिटिएफ को, तीसरे राउंड में इसी देश के डोम मार्टिन सेबेश्चियन और चौथे राउंड में मंगोलिया के बायनाजेव बैटोरिंग को हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश किया.
सेमीफाइनल में उन्होंने अजरबेजान के हसालोव जैब्रियल को मात देकर फाइनल में जगह बनायी और अंत में खिताब अपने नाम किया.