ओलंपिक कांस्य पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार ने देश के क्रिकेटरों को सलाह दी कि वह अपनी निजता में दखलअंदाजी और सुरक्षा चिंताओं को एक तरफ रखकर बिना किसी आशंका के वाडा के ‘ठहरने के स्थान’ संबंधी नियम को स्वीकार करें.
खतरे को लेकर चिंता उचित नहीं
वाडा की संहिता पर हस्ताक्षर करने वाले सुशील ने कहा कि विश्व डोपिंग रोधी संस्था खिलाड़ियों की निजी जानकारी किसी के साथ नहीं बांटती और क्रिकेटरों को अपनी निजता के प्रति आश्वस्त रहना चाहिए. सुशील ने कहा, ‘‘क्रिकेटर इतने चिंतित क्यों हैं. निजता में दखलअंदाजी और संभावित सुरक्षा खतरे को लेकर क्रिकेटरों की चिंताएं उचित नहीं हैं. मैंने भी वाडा की संहिता को स्वीकार किया है और कड़ाई से इसके नियमों और शर्तों को मानता हूं.’’
गोपनीय रखी जाती है जानकारी
उन्होंने कहा, ‘‘दुनियाभर के सभी खेल महासंघों और खिलाड़ियों ने एजेंसी की संहिता को स्वीकार किया है और इसके नियमों को मानते हैं. मुझे कभी नहीं लगा कि वह किसी खिलाड़ी की निजी जानकारी किसी को देते हैं.’’ सुशील का मानना है कि जब इंग्लैंड, दक्षिण अफ्रीका और आस्ट्रेलिया के क्रिकेटरों ने बिना किसी शिकायत के इसे स्वीकार कर लिया है तो उनके भारतीय समकक्षों को भी वाडा पर विश्वास करना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि आखिर भारतीय क्रिकेटरों को इसके साथ इतनी समस्या क्यों है.’’
खेल मंत्री ने नजरिए से सहमति
इस पहलवान ने खेल मंत्री एमएस गिल के नजरिये से भी सहमति जताई जिन्होंने कहा था कि क्रिकेटरों को भी डोपिंग रोधी एजेंसी के ‘ठहरने के स्थान’ संबंधी नियम को स्वीकार करना चाहिए. सुशील ने कहा कि डेनमार्क में होने वाली आगामी विश्व कुश्ती प्रतियोगिता की तैयारी काफी अच्छी चल रही है और सभी खिलाड़ी पूरी तरह फिट हैं और अपना शत प्रतिशत देने को तैयार हैं. उन्होंने कहा, ‘‘सभी खिलाड़ी फिट हैं और महासंघ के इंतजामों से खुश हैं. भारतीय तिरंगे को उंचा रखने के लिए हम जी-जान लगा देंगे.’’