आखिरकार समलैंगिकता पर सुप्रीम कोर्ट दोबारा सुनवाई करने को तैयार हो गया. अब दो फरवरी को होने वाली सुनवाई में तय होगा कि भारत में समलैंगिकता अपराध रहेगा या नहीं. मामले में गे राइट्स की वकालत कर रहे नाज फाउंडेशन सहित दूसरे संगठनों और श्याम बेनेगल जैसी शख्सियतों ने 23 फरवरी 2014 को क्यूरेटिव याचिका लगाई थी.
खुली अदालत में होगी सुनवाई
क्यूरेटिव याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों की बेंच सुनवाई करेगी. हालांकि क्यूरेटिव याचिका पर सुनवाई चेंबर में होती है, लेकिन इस मामले की सुनवाई खुली अदालत में होगी. नाज फाउंडेशन बनाम सुरेश कुमार कौशल का यह केस 2 फरवरी के लिए एडवांस लिस्ट में शामिल है. चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली बेंच इसकी सुनवाई करेगी.
यह है मामला
दिल्ली हाई कोर्ट ने 2009 में आईपीसी की धारा 377 के तहत समलैंगिकता को अपराधमुक्त कर दिया था. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने फैसला पलटते हुए धारा 377 बरकरार रखी थी. क्यूरेटिव याचिका में सुप्रीम कोर्ट के दिसंबर 2011 और जनवरी 2014 की याचिका पर दिए फैसले को चुनौती दी गई है.