भारत के नोबेल पुरस्कार विजेता और यूके की रॉयल सोसाइटी के अध्यक्ष वेंकटरमन रामाकृष्णन ने उन डॉक्टरों पर निशाना साधा है, जो समलैंगिकता को बीमारी या मानसिक समस्या बताकर उसका इलाज करने का दावा करते हैं.
मेल टुडे को दिए इंटरव्यू में रामाकृष्णन ने कहा, 'मुझे नहीं लगता है कि ये अनैतिक है. ऐसे डॉक्टर काफी पहले से इस तरह से इलाज करते आ रहे हैं.' रामाकृष्णन दिल्ली में ब्रिटिश काउंसिल की तरफ से आयोजित 'ऑन नोबडीज वर्ल्डः एविडेंस एंड मॉडर्न सोसाइटी' पर लेक्चर देने आए थे.
वेंकटरमन रामाकृष्णन ने कहा कि वो बतौर 'दुनिया के नागरिक' इस मुद्दे पर बोल रहे हैं. उन्होंने कहा कि गे (समलैंगिक) होना किसी भी तरह से गलत या असाधारण नहीं है .
मेल टुडे ने पिछले साल एक स्टिंग ऑपरेशन में कुछ ऐसे डॉक्टरों का पर्दाफाश किया था, जो इलैक्ट्रिक शॉक और दवाएं देकर समलैंगिकता का इलाज करने का दावा करते थे. रामाकृष्णन ने कहा कि इस तरह के इलाज से समलैंगिकता ठीक नहीं होती बल्कि इससे समलैंगिक लोगों में हीन भावना जन्म लेने लगती है.
रामाकृष्णन ने माना कि परिवार, संस्कृति, समाज और धर्म का लोगों (डॉक्टरों सहित) पर बहुत प्रभाव पड़ता है लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि समझदारी से ही सांस्कृति नकारात्मकता को खत्म किया जा सकता है.