कोयला घोटाले पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कुल 218 कोल ब्लॉक में से 4 को छोड़कर बाकी 214 कोल ब्लॉक के आवंटन रद्द कर दिए हैं. ये आवंटन 1993 से लेकर अब तक के हैं. सुप्रीम कोर्ट ने जिन आवंटन को रद्द नहीं किया वे सरकारी कंपनियों से जुड़े हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने सेल, एनटीपीसी और मेगा पावर प्रोजेक्ट से जुड़े दो कोल ब्लॉक का आवंटन रद्द नहीं किया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बाकी 214 कोल ब्लॉकों को 31 मार्च 2015 तक अपना प्रोडक्शन बंद करना होगा. इसके बाद सरकार इन कोल ब्लॉकों का फिर से आवंटन कर सकती है.
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस आर.एम. लोढ़ा की अध्यक्षता वाली पीठ ने अपने आदेश में कहा कि जिन 42 ब्लॉकों में उत्पादन चालू है या उत्पादन चालू होने वाला है, वे अगले छह महीनों तक मौजूदा प्रबंधन के पास ही रहेंगे, जबतक कि केंद्र सरकार इनके फिर से आवंटन पर फैसला नहीं ले लेती.
अदालत ने कहा कि इन 42 ब्लॉकों के प्रबंधन को अगले छह महीने तक प्रति टन खनन किए गए कोयले पर 295 रुपये की रॉयल्टी का भुगतान करना होगा.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 25 अगस्त के अपने फैसले में 1993 से 2010 के दौरान कोयला खदानों के सभी 218 आवंटन गैरकानूनी घोषित कर दिए थे. कोर्ट ने अपने फैसले में ये आवंटन करने वाली जांच समिति की 36 बैठकों में अपनाई गई प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी बताते हुए इसकी निंदा की थी.SC has given Govt 6 months to cancel the 214 coal allocations: Mukul Rohatgi, AG pic.twitter.com/6Sdko2dhtl
— ANI (@ANI_news) September 24, 2014
इसके बाद सरकार ने कोर्ट में कहा था कि इनमें से 40 खदानों के मामले में ‘छूट’ चाहती है क्योंकि उनमें खनन हो रहा है औेर वे उनके कोयले का अंतिम इस्तेमाल करने वाले बिजली संयंत्रों के लिये तैयार हैं.