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राष्ट्रपति कैंडिडेट के लिए विपक्ष की बैठक से पहले ये हैं सोनिया के 5 बड़े सिरदर्द

बीजेपी ने अपना राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार तो सामने ला दिया, अपना बहुमत का आंकड़ा भी ज़ाहिर कर दिया. दूसरी तरफ हार की पक़्क़ी जानकारी के बावजूद विपक्ष तमाम समस्याओं से जूझ रहा है. 22 जून को विपक्ष को अपना फैसला सुनाना है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

बीजेपी ने अपना राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार तो सामने ला दिया, अपना बहुमत का आंकड़ा भी ज़ाहिर कर दिया. दूसरी तरफ हार की पक़्क़ी जानकारी के बावजूद विपक्ष तमाम समस्याओं से जूझ रहा है. 22 जून को विपक्ष को अपना फैसला सुनाना है, उसकी बैठक से पहले विपक्ष की मुखिया सोनिया गांधी के सामने 5 बड़े सिरदर्द हैं.

1. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एनडीए के उम्मीदवार का समर्थन कर सकते हैं. इससे विपक्षी एकता को बड़ा झटका लग सकता है और किरकिरी होना भी तय हो जाएगा.

 

2. एनडीए के दलित उम्मीदवार के चलते मायावती बेहतर दलित उम्मीदवार की वकालत करने पर मजबूर हो गईं.

3. वहीं खुद कांग्रेस दलित की बजाय किसी सम्मानित और गैर राजनीतिक व्यक्ति को चाह रही है, जैसे एमएस स्वमीनाथन और गोपाल कृष्ण गांधी. स्वामीनाथन के ज़रिये किसान कार्ड भी चला जा सकता है और शिवसेना को भी साथ लाया जा सकता है. हालांकि, विपक्ष और खुद स्वामीनाथन इसके लिए तैयार होंगे, ये भी सवाल है. वहीं गोपालकृष्ण गांधी के ज़रिए विचारधारा का सवाल सामने होगा.

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4. समाजवादी पार्टी किसी राजनैतिक व्यक्ति को ही विपक्ष का उम्मीदवार बनाने की मांग कर रही है.

5. वहीं गोपालकृष्ण गांधी का नाम सुझाने वाला लेफ्ट अब मायावती के तर्क के साथ है, वो अब दलित महिला मीरा कुमार को उम्मीदवार बनाने की वकालत कर रहा है.

कुल मिलाकर 2019 के लिए राष्ट्रपति चुनाव के वक़्त तैयार हो रहा विपक्ष का मोर्चा फिलहाल तो मुश्किलों से ही जूझ रहा है. गौरतलब है कि एनडीए ने बिहार प्रांत के राज्यपाल रामनाथ कोविंद को अपनी ओर से राष्ट्रपति पद का दावेदार घोषित किया है. वे उत्तर प्रदेश में कानपुर देहात इलाके से ताल्लुक रखते हैं और कोरी जाति में जन्मे हैं. एनडीए के इस मास्टरस्ट्रोक से विपक्षी पार्टियां स्तब्ध हैं.

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