जिस गुजरात में शानदार चुनावी सफलता के दम पर नरेंद्र मोदी पीएम पद की दावेदारी कर रहे हैं, उसी राज्य में उनकी लोकप्रियता तेजी से कम होती जा रही है. इतना ही नहीं बीजेपी के दो और मुख्यमंत्रियों से भी नरेंद्र मोदी पिछड़ गए हैं. सेंटर फॉर स्टडीज ऑफ डिवेलपिंग सोसाइटी (सीएसडीएस) के हालिया सर्वे से यह बात सामने आई है कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमण सिंह अपने राज्यों में ज्यादा लोकप्रिय हैं और गुजरात में नरेंद्र मोदी इनके मुकाबले कम लोकप्रिय हैं.
सर्वे के मुताबिक जब पिछले साल दिसंबर में चुनावी जीत की हैट्रिक लगाकर नरेंद्र मोदी चौथी बार गुजरात के मुख्यमंत्री बने, तब राज्य में उनकी लोकप्रियता 49 फीसदी थी. अब यह घटकर 45 फीसदी हो गई है. उनके प्रशासन से संतुष्ट रहने वालों की संख्या भी 72 फीसदी से घटकर 64 फीसदी हो गई है. हालांकि लोकप्रियता के सबसे बड़े पैमाने वोट की बात करें तो सर्वे दावा करता है कि 2009 के लोकसभा चुनावों के मुकाबले इस बार गुजरात में बीजेपी को सात फीसदी वोट ज्यादा मिलेंगे.
शिवराज चौहान हैं सबसे आगे
सर्वे के मुताबिक राज्यों में मुख्यमंत्री की लोकप्रियता के पैमाने पर मोदी शिवराज और रमण से पिछड़ गए हैं.संतुष्टि के पैमाने पर मध्य प्रदेश के लोगों ने अपने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को 82 फीसदी वोट दिए हैं. छत्तीगढ़ के 75 फीसदी लोगों ने कहा कि वे राज्य की रमण सिंह सरकार से संतुष्ट हैं. गुजरात के सिर्फ 64 फीसदी लोगों ने नरेंद्र मोदी सरकार से संतुष्टि जताई है. अगर सभी राज्यों की बात करें तो मोदी सरकार संतुष्टि के मामले में 18 राज्यों में सातवें नंबर पर है. महाराष्ट्र सरकार भी इसी पायदान पर है.
आधे से ज्यादा गुजराती बोले, भ्रष्ट है मोदी सरकार
सर्वे में शामिल गुजरात के लोगों में से 64 फीसदी ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार भ्रष्ट है. इससे दो फीसदी ज्यादा यानी 66 फीसदी गुजराती मानते हैं कि यूपीए सरकार भ्रष्ट है.
सबसे ज्यादा गुजराती हैं यूपीए सरकार से खुश
सर्वे का एक और दिलचस्प दावा है, जो ज्यादातर लोगों को शायद हजम भी न हो. इसके मुताबिक जिन 18 राज्यों में पोल हुआ, उनमें से गुजरात अव्वल नंबर पर है यूपीए सरकार से संतुष्टि के सवाल पर.
मगर चुनावों में करेगी बीजेपी बेहतर
सर्वे के मुताबिक अगर अभी चुनाव होते हैं तो गुजरात में बीजेपी का वोट शेयर 2009 के 47 फीसदी से बढ़कर 56 फीसदी हो जाएगा. वहीं कांग्रेस का वोट शेयर पिछले लोकसभा चुनावों के 43 फीसदी से घटकर 34 फीसदी हो जाएगा.गौरतलब है कि पिछले लोकसभा चुनावों में कांग्रेस ने राज्य में सभी को चौंकाते हुए 26 में 11 सीटें जीती थीं, जबकि बीजेपी को 15 सीटें मिली थीं.
लगातार घट रहा है बीजेपा का राज्य में वोट
1995 में बीजेपी पहली दफा गुजरात में सत्ता पर काबिज हुई थी. केशूभाई पटेल राज्य के मुख्यमंत्री बने थे. तब से अगले कई चुनावों तक बीजेपी का राज्य में वोट शेयर बढ़ा. 2002 के दंगों के बाद हुए चुनावों में बीजेपी का वोट प्रतिशत सर्वाधिक 49.85 पर पहुंच गया. ये वह चुनाव था, जब मोदी ने पहली बार अपने नेतृत्व में बीजेपी को चुनावी जीत दिलाई.उसके बाद बीजेपी 2007 और 2012 में सत्ता में लौटी, मगर इसका वोट शेयर कुछ घटा है. 2007 में बीजेपी को 49.12 फीसदी वोट मिले, जबकि 2012 के चुनाव में यह प्रतिशत घटकर 47.9 पर आ गया.
लोकसभा चुनावों में भी कमोबेश यही पैटर्न रहा. जब केशूभाई मुख्यमंत्री थे, उस दौरान 1999 में हुए लोकसभा चुनावों में पार्टी को 52.48 फीसदी वोट मिले.2004 के चुनाव में बीजेपी को 47.37 फीसदी वोट मिले, जबकि 2009 में जब गुजरात से सांसद लालकृष्ण आडवाणी पीएम पद के दावेदार थे, तब बीजेपी और घटकर 46.5 फीसदी पर आ गई.
मोदी के बाद शाह सीएम के लिए पहली पसंद
सर्वे में शामिल लोगों से सवाल पूछा गया कि अगर नरेंद्र मोदी देश की सियासत करने की खातिर गुजरात छोड़कर दिल्ली जाते हैं, तो उनके बाद किसे गुजरात की बीजेपी सरकार का मुख्यमंत्री बनना चाहिए. इस पर सबसे ज्यादा लोगों ने सोहराबुद्दीन शेख और तुलसीराम प्रजापति के फर्जी एनकाउंटर में फंसे पूर्व गृह राज्य मंत्री और फिलहाल यूपी में बीजेपी की हालत संवार रहे अमित शाह को चुना. उनके मुताबिक शाह ही मोदी की तरह सख्त प्रशासन चला सकते हैं.