शरद यादव की राज्यसभा सदस्यता को खत्म करने को लेकर जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) की तरफ से दी गई याचिका पर उनका पक्ष जानने के लिए राज्यसभा सभापति एम वेंकैया नायडू ने उन्हें 30 अक्टूबर को बुलाया है.
राज्यसभा में जेडीयू के नेता रामचंद्र प्रसाद सिंह ने एक याचिका में शरद और पार्टी के एक अन्य राज्यसभा सदस्य अली अनवर अंसारी पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलग्न होने का दावा करते हुए उन्हें राज्यसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराने का अनुरोध किया था.
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, शरद को 18 अक्टूबर को एक पत्र जारी कर उनसे कहा गया है कि इस याचिका के संदर्भ में उनका पक्ष जानने के लिए उन्हें एक अवसर दिया जा रहा है. उनसे कहा गया है कि वह 30 अक्टूबर को सुबह साढ़े नौ बजे सभापति नायडू के कक्ष में उनके समक्ष अपना पक्ष पेश करें.
जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार ने आरजेडी और कांग्रेस के साथ महागठबंधन से तोड़कर बीजेपी से हाथ मिला लिया था. शरद और उन्हीं की पार्टी के राज्यसभा सदस्य अली अनवर अंसारी ने पार्टी के इस फैसले से असहमति जतायी थी.
शरद को पहले उच्च सदन में पार्टी नेता के पद से हटाया गया था. उन्होंने लालू प्रसाद नीत राजद की पटना रैली में भाग लिया, जिसके बाद जेडीयू ने उन्हें अयोग्य घोषित करने की याचिका दी.
असल जेडीयू होने का दावा करते हुए उनके गुट ने चुनाव आयोग से संपर्क कर पार्टी का चुनाव चिह्न मांगा. उन्होंने दावा किया कि वास्तविक जेडीयू उनके साथ है तथा नीतीश के साथ जो है वह सरकारी जेडीयू है.