वसंत विहार गैंगरेप के बाद सरकार कुछ हरकत में तो आई. मगर कुछ नामी स्कूलों की वैन में तमाम गाइड लाइंस के बावजूद भी कैब ड्राइवरों की मनमानी जारी है. पूर्वी दिल्ली में कैब चालक अभी भी पीछे से लेकर ड्राइवर की सीट तक बच्चों को जानवरों की तरह ठूंस ठूंस कर भर रहे हैं.
दूसरी ओर स्कूल के प्रिंसिपल इस मनमानी पर कुछ बोलने को मना कर रहे हैं. उनका कहना है कि ये जिम्मेदारी तो अभिभावकों की है कि उनके बच्चे सही सलामत स्कूल तक पहुंचें.
अब महंगाई बढ़ रही है तो स्कूल वैन में सीएनजी तो होगी ही लेकिन हद ये है कि बच्चें इन्हीं सीएनजी सिलेंडरों पर बैठाकर सफर करने को मजबूर हैं. दिल्ली आजतक के कैमरे में कैद इस दिल दहला देने वाली हकीकत पर जब कैब ड्राइवर से सफाई मांगी गई तो तो वो कैब ड्राइवर भड़क ही गया.
आपको जानकर हैरानी होगी कि इन खस्ताहाल स्कूल कैब्स में फर्स्टएड बॉक्स नाम की कोई चीज़ नहीं। यानि कि अगर कभी कोई हादसा हो जाए तो इलाज अस्पताल पहुंचने पर ही होगा. स्कूल बच्चों की सुरक्षा का दम भरते हैं. सरकार गाइडलाइंस जारी कर अपनी जिम्मेदारी पूरी कर देती है और सड़क पर ट्रैफिक पुलिस चालान काटकर खानापूर्ति कर देती है लेकिन ये तस्वीर है कि बदलती नहीं.
इस मसले पर पब्लिक स्कूल फेडरेशन का कहना है कि स्कूलों को उनकी जिम्मेदारी का अहसास कराने के लिये एक बैठक बुलाई जाएगी.