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शियावोन ने फ्रेंच ओपन खिताब जीतकर इतिहास रचा

इटली की फ्रांसेस्का शियावोन ने फ्रेंच ओपन का महिला एकल खिताब जीत लिया है. उन्होंने फाइनल मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया की सामंता स्टोसुर को 6-4, 7-6 से हराया. शियावोन ने इसके साथ ही इतिहास रचते हुए ग्रैंडस्लैम एकल खिताब जीतने वाली इटली की पहली महिला बनने का गौरव भी हासिल किया.

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इटली की फ्रांसेस्का शियावोन ने फ्रेंच ओपन का महिला एकल खिताब जीत लिया है. उन्होंने फाइनल मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया की सामंता स्टोसुर को 6-4, 7-6 से हराया. शियावोन ने इसके साथ ही इतिहास रचते हुए ग्रैंडस्लैम एकल खिताब जीतने वाली इटली की पहली महिला बनने का गौरव भी हासिल किया.

फ्रेंच ओपन खिताबी जीत से इस 29 वर्षीय ने पहली बार ग्रैंड स्लैम चैम्पियन बनने वाली उम्रदराज महिला खिलाड़ियों में दूसरा स्थान हासिल किया. इससे पहले 1969 में एन जोन्स ने 30 वर्ष की उम्र में विम्बलडन खिताब जीता था.

इस तरह उन्होंने स्टोसुर के ऑस्ट्रेलिया के चारों ग्रैंडस्लैम में महिला चैम्पियन के 30 साल के इंतजार को खत्म करने के लक्ष्य को भी चकनाचूर कर दिया. ऑस्ट्रेलिया की इवोन गूलागोंग ने 1980 विम्बलडन में ट्रॉफी जीती थी.

शियावोन पिछले साल यहां पहले राउंड में स्टोसुर से हार गयी थी, लेकिन फ्रेंच ओपन के फाइनल में उन्होंने अपनी रणनीति के मुताबिक खेलते हुए सातवीं वरीय खिलाड़ी के ‘पावर गेम’ का चतुराई से सामना किया.

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शियावोन ने दूसरे सेट के टाइब्रेकर में शानदार शाट लगाकर जीत दर्ज की और जीतने के बाद वह पीठ के बल लेट गयी और घूमकर उन्होंने कोर्ट को चूम लिया.

शियावोन और स्टोसुर दोनों ही खिलाड़ियों ने पहली बार ग्रैंडस्लैम का फाइनल खेला. शियावोन सेमीफाइनल में रूस की एलिना देमेंतीवा के रिटायर्ड होने के कारण ग्रैंडस्लैम के फाइनल में पहुंचीं. सेमीफाइनल में इस 29 वर्षीय इटली की खिलाड़ी ने पांचवीं वरीय देमेंतीवा के खिलाफ पहला सेट 7-6 से अपने नाम कर लिया था, लेकिन देमेंतीवा ने ग्रोइन चोट के कारण 70 मिनट कोर्ट पर रहने के बाद हटने का फैसला किया. इसके बाद शियावोन को फाइनल में जगह मिल गई.

उधर ऑस्ट्रेलिया की सामंता स्टोसुर ने महिला वर्ग के एकल सेमीफाइनल में येलेना यांकोविच को 6-1, 6-2 से हराकर फ्रेंच ओपन के फाइनल में प्रवेश किया था. सातवीं वरीय स्टोसुर चार बार की फ्रेंच ओपन चैम्पियन जस्टिन हेनिन और 12 बार की ग्रैंड स्लैम विजेता सेरेना विलियम्स को शिकस्त देकर सेमीफाइनल में जगह बनाई. स्टोसुर 1980 ऑस्ट्रेलियाई ओपन में उप विजेता रहीं वेंडी टर्नबुल के बाद ग्रैंडस्लैम के फाइनल में स्थान बनाने वाली ऑस्ट्रेलिया की पहली महिला भी हैं.

जीत के बाद शियावोन ने कहा, ‘मैंने यहां कहने के लिये कुछ भी तैयार नहीं किया था क्योंकि मैंने सोचा था कि ऐसा कभी नहीं होगा.’ शियावोन से पहले यहां हमवतन एड्रियानो पोनाटा 1976 में पुरूष चैम्पियन बने थे. उन्होंने कहा, ‘मुझे आज काफी अच्छा लग रहा है. यह सुखद अहसास है. मैं चैम्पियन की तरह महसूस कर रही हूं.’

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शियावोन ने कहा, ‘लेकिन मैं सामंता को कुछ कहना चाहती हूं कि वह बहुत अच्छी व्यक्ति हैं. तुम यहां अगली बार खिताब की हकदार हो. तुम युवा हो और तुम अब भी ऐसा कर सकती हो.’ स्टोसुर ने विश्व की 17वें नंबर की खिलाड़ी शियावोन को जीत के लिये बधाई दी जो शीर्ष 10 के बाहर रोलां गैरां पर जीत दर्ज करने वाली दुनिया की चौथी खिलाड़ी हैं. उन्होंने कहा, ‘बहुत बढ़िया फ्रांसेस्का. तुम टूर्नामेंट में बढ़िया खेली.’ दोनों खिलाड़ी पहली बार ग्रैंडस्लैम के फाइनल में पहुंची थीं.

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