देशभर के मुर्गी फार्मों में मुर्गियों के हालात पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर एक हफ्ते में जवाब मांगा है. इस मामले पर 5 अगस्त को अगली सुनवाई होगी. सरकार को ये नोटिस एनिमल वेलफेयर बोर्ड की याचिका पर सुनवाई के बाद अदालत ने दिया है.
मुर्गी फार्मों के दयनीय स्थिति पर याचिका
याचिका में कहा गया है कि देश के फार्मों में मुर्गियों को बेहद खराब हालात में रखा जाता है. पिंजरे में उन्हें इस तरह ठूसा जाता है कि वो अपने पंख भी नहीं फैला सकती. यहां तक कि कई बार निकालते वक्त वो जख्मी भी हो जाती हैं, इसी वजह से मुर्गियों के साथ-साथ अंडों की क्वालिटी भी खराब होती है.
अंडों की क्वालिटी में खराबी की ये है वजह
अंडे देने वाली मुर्गियों को फर्म्स में बैट्री कॉगिंग सिस्टम में रखा जाता है, जिसमें उन्हें अंडा देने के लिए A4 साइज पेपर के बराबर ही जगह दी जाती है. बैट्री कॉगिंग सिस्टम को यूरोपीय यूनियन ने काफी पहले हटा दिया है, लेकिन भारत में अभी भी ये चल रहा है.
साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को 2010 और 2013 में दिए गए एनिमल वेलफेयर बोर्ड के सुझाव को लागू करने का आदेश सुनाया. साथ ही इस याचिका में कई हाई कोर्ट में चल रहे केसों को भी ट्रांसफर करने की अपील की गई है.