तमिलनाडु में जारी राजनीतिक गहमागहमी के बीच ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) की महासचिव वी के शशिकला ने गुरुवार को सरकार बनाने का दावा पेश किया. शशिकला ने राज्यपाल सी. विद्यासागर राव से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया. पार्टी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया है कि शशिकला ने राव से मुलाकात की और पार्टी विधायकों से मिला समर्थन-पत्र प्रस्तुत किया.
Chennai: #VKSasikala met Tamil Nadu Governor C Vidyasagar Rao today, staked claim to form Government. pic.twitter.com/d5YB6uRTdQ
— ANI (@ANI_news) February 9, 2017
पन्नीरसेल्वम सबसे पहले मिले
इससे पहले मुंबई प्रवास खत्म कर राज्यपाल विद्यासागर राव शाम को चेन्नई वापस पहुंचे. शशिकला से पहले तमिलनाडु के कार्यवाहक मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम ने राज्यपाल से मुलाकात की और उन्हें राज्य के घटनाक्रम के बारे में जानकारी दी. राज्यपाल से शाम 5 बजे मुलाकात के बाद पन्नीरसेल्वम ने संवाददाताओं से कहा कि मैं राज्यपाल से मिला और राज्य के घटनाक्रम की जानकारी दी, न्याय की जीत होगी. पन्नीरसेल्वम ने कहा कि वो अपना इस्तीफा वापस लेने के लिए तैयार हैं, क्योंकि दबाव डालकर उनसे इस्तीफा लिया गया था. पन्नीरसेल्वम ने कहा कि राज्यपाल ने फिलहाल उन्हें कोई आश्वासन नहीं दिया है.
शशिकला पहुंचीं जया मेमोरियल
पन्नीरसेल्वम के बाद शशिकला को राज्यपाल से मिलने का वक्त दिया गया था. राजभवन में उनसे मिलने जाने से पहले शशिकला जया मेमोरियल पहुंचीं और वहां कुछ मिनट तक रुकीं. मेमोरियल पहुंचते ही शशिकला के आंखों में आंसू छलक आए. राजभवन में शशिकला ने राज्यपाल को विधायकों के समर्थन वाली चिट्ठी सौंपी और सरकार बनाने का दावा पेश किया. शशिकला के साथ तमिलनाडु सरकार के तमाम मंत्री भी राजभवन पहुंचे थे. इस मुलाकात से पहले पार्टी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल का प्रोफाइल फोटो बदलकर शशिकला का फोटो लगा दिया गया जिसमें चिन्नमा फॉर सीएम का नारा दिया गया है.
स्वामी शशिकला के साथ
इस बीच बीजेपी नेता सुब्रमण्यन स्वामी ने ट्वीट किया है कि अगर राज्यपाल पन्नीरसेल्वम को बहुमत साबित करने के लिए पांच दिन देते हैं तो एक बड़ा स्कैंडल होगा और इसके गंभीर राजनीतिक परिणाम होंगे. वहीं जाने-माने विधि विशेषज्ञ सोली सोराबजी ने कहा है कि तमिलनाडु के राज्यपाल विद्यासागर राव को अन्नाद्रमुक प्रमुख वीके शशिकला का शपथग्रहण टाल देना चाहिए और उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार करना चाहिए.