सहारा इंडिया भारतीय क्रिकेट टीम की स्पांसर बनी रहेगी. मुंबई में सोमवार को बीसीसीआई की मार्केटिंग कमेटी की बैठक में इस बात का फैसला हुआ. कमेटी से फिर से साढे तीन साल के लिए सहारा को स्पांसरशिप देने का फैसला किया.
सहारा ग्रुप ने प्रति मैच तीन करोड़ रूपये से अधिक बोली लगा कर भारतीय किक्रेट टीम का प्रायोजन अधिकार हासिल किया. बीसीसीआई ने अगले साढे तीन सालों में इससे 148 मैचों से 370 करोड़ रुपये उगाएगी. यह स्पांसरशिप अनुबंध 31 दिसंबर 2013 तक के लिए है.
भारतीय क्रिकेट टीम के स्पांसरशिप के लिए औद्योगिक समूह सहारा इंडिया और टेलीकाम कंपनी भारती एयरटेल दौड़ में थे. जबकि इलेक्ट्रानिक उत्पाद बनाने वाली कंपनी वीडियोकान सहित चार अन्य कंपनियों ने बोली फार्म खरीदा था.
सयम सीमा समाप्त होने तक सहारा इंडिया और एयरटेल ने 50 करोड़ रुपये की जमानत राशि के साथ फार्म जमा करा दिया जबकि अन्य कंपनियां प्रत्येक मैच के लिए ढाई करोड़ रुपये की भारी भरकम राशि के कारण दौड़ से हट गईं.
छह कंपनियों ने फार्म खरीदे थे लेकिन केवल भारती एयरटेल और सहारा ने प्रतिभूति राशि (50 करोड़ रुपये) भेजी. बीसीसीआई ने भारत की पुरुष टीम, महिला टीम, भारत ए टीम और अंडर 19 टीम के प्रयोजन के लिए बोली मंगाने वाली निविदा सूचना जारी की थी.
इस बैठक की अध्यक्षता बीसीसीआई अध्यक्ष शशांक मनोहर ने की. सूत्रों के मुताबिक बीसीसीआई ने प्रत्येक टेस्ट, एकदिवसीय और टी20 अंतराष्ट्रीय के लिए आधार मूल्य ढाई करोड़ रुपये रखा गया था. गौरतलब है कि सहारा टीम का मौजूदा स्पांसर (प्रायोजक) है जिसने चार साल के टीम प्रायोजन पर 400 करोड़ रुपये खर्च किये थे.
सहारा ने छह माह पहले बीसीसीआई को उस समय राहत पहुंचाई थी जब टीम स्पांसरशिप (प्रायोजन) के लिए उसे कोई बोली नहीं मिली और कंपनी ने छह माह के लिए टीम स्पांसरशिप का अनुबंध बढ़ा दिया जो जून के अंत में समाप्त होना है.