वरिष्ठ बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कहा है कि महात्मा गांधी की हत्या में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) शामिल नहीं था. आडवाणी ने बुधवार को अपने ब्लॉग में गांधी के पोते राजमोहन गांधी का हवाला दिया है.
आडवाणी ने 'महात्मा संभवत: सही नहीं थे' शीर्षक ब्लॉग में यह भी कहा है कि सरदार वल्लभ भाई पटेल के योगदान को याद नहीं किया गया. उन्होंने लिखा, 'राजमोहन गांधी की लिखी इस किताब में महात्मा की हत्या के संबंध में संघ के खिलाफ कांग्रेस के दुष्प्रचार का प्रभावी रूप से खंडन किया गया है.'
बीजेपी नेता ने कहा है कि राजमोहन गांधी ने अपनी किताब में 27 फरवरी, 1948 को पटेल का जवाहरलाल नेहरू को लिखे गए पत्र का हवाला दिया है.
इस पत्र में कहा गया है, 'मैं करीब-करीब हर रोज बापू की हत्या के मामले की जांच में होने वाली प्रगति पर नजर रख रहा हूं. मेरी शाम का अधिकांश हिस्सा संजीवजी (गुप्तचर विभाग के प्रमुख और दिल्ली पुलिस के तत्कालीन महानिरीक्षक) से चर्चा में गुजरता है. रोज की प्रगति की जानकारी लेता हूं और कोई बिंदु सामने आने पर मैं निर्देश देता हूं. सभी आरोपियों ने विस्तृत और लंबा बयान दिया है. बयानों में यह साफ तौर पर उभरा है कि संघ इस मामले में संलिप्त नहीं है.'
आडवाणी ने कहा है कि इतिहास का विश्लेषण करने वाला कोई भी गहराई से महसूस कर सकता है कि आजाद भारत के प्रधानमंत्री के तौर पर गांधी नेहरू की जगह सरदार पटेल को चुनते तो शुरुआती दिनों का इतिहास कुछ अलग ही होता.