सेना ने अपनी एक मिलिट्री इंटेलीजेंस यूनिट की ओर से किए जा रहे खर्च पर सवालिया निशान उठाए हैं. इस यूनिट का गठन पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह ने किया था. यूनिट को 8 करोड़ रुपये के खर्च पर जवाबदेह बताया गया है.
यूनिट का नाम टेक्निकल सपोर्ट सिस्टम (टीएसडी) है. इसके काम-काज पर सेना मुख्यालय ने रक्षा मंत्रालय को एक रिपोर्ट सौंपी है, जिसमें कहा गया है कि यूनिट की ओर से कश्मीर में चलाए जा रहे ऑपरेशन के खर्च में कई विसंगतियां पाई गई हैं, जिनमें 8 करोड़ रुपये का अज्ञात खर्च भी शामिल है.
यह वही यूनिट है जिस पर सरकार के अहम दफ्तरों के काम-काज की जासूसी का आरोप लगा था. सूत्रों के मुताबिक, सेना ने मंत्रालय को बताया है कि इन 8 करोड़ रुपयों से अवैध रूप से जासूसी उपकरण खरीदे गए हैं.
सूत्रों के मुताबिक, विस्तृत रिपोर्ट रक्षा मंत्रालय में जमा की गई है. सेना की ओर से किसी कार्रवाई से पहले मंत्रालय की हां का इंतजार है. हालांकि सेना की ओर से अभी टीएडी को भंग करने की सिफारिश नहीं की गई है.