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प्रमोद महाजन का जन्मदिन आज, जानिए बीजेपी के पहले सत्ताकाल के अहम सेनापति को

आज प्रमोद महाजन का जन्मदिन है. आइए जानें, बीजेपी के पहले सत्ताकाल में इसके अहम सेनापति रहे इस शख्स को.

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अटल बिहारी वाजपेयी के साथ प्रमोद महाजन
अटल बिहारी वाजपेयी के साथ प्रमोद महाजन

‘पेप्सी और प्रमोद महाजन , कभी अपना फॉर्म्युला नहीं बताते.’ ये कहा था 2003 के विधानसभा चुनावों में अपनी रणनीतिक सफलता के बाद बीजेपी के कद्दावर नेता और पार्टी के पहले प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के लक्ष्मण प्रमोद महाजन ने. प्रमोद महाजन की जिंदगी अचानक रुक गई क्योंकि उनके ही छोटे भाई प्रवीण महाजन ने उनकी गोली मारकर हत्या कर दी. आज प्रमोद महाजन की बेटी पूनम महाजन मुंबई से सांसद है. वहीं बेटा राहुल भी पहली असफल शादी और कुछ और विवादों के बाद अब कमोबेश शांत जीवन जी रहे हैं. बिग बॉस और अपने टीवी स्वयंवर में आने के बाद वह अभी यदा कदा टीवी रिएलिटी शो में भी नजर आते हैं. जिगरी दोस्‍त महाजन, मुंडे में ये रहा 'आम'

आज प्रमोद महाजन का जन्मदिन है. आइए जानें, बीजेपी के पहले सत्ताकाल में इसके अहम सेनापति रहे इस शख्स को.

1. प्रमोद वेंकटेशन महाजन का जन्म 30 अक्टूबर 1949 को तेलंगाना के महबूब नगर इलाके में एक देशहस्थ ब्राह्मण परिवार में हुआ था.

2. प्रमोद महाजन और गोपीनाथ मुंडे महाराष्ट्र के अंबाजोगाई इलाके में स्थित स्वामी रामानंद तीर्थ कॉलेज में साथ पढ़ते थे. यहीं दोनों में दोस्ती हुई. बाद में प्रमोद की प्रेरणा से गोपीनाथ भी राजनीति में आए. प्रमोद की बहन की शादी गोपीनाथ से हुई.

3. प्रमोद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) में बचपन से ही सक्रिय थे. जब वह संघ के मराठी अखबार तरुण भारत से बतौर सब एडिटर 1970 में जुड़े, तब इस सक्रियता को एक सार्थक दिशा मिल गई.

4. 1974 में प्रमोद ने स्कूल टीचर की नौकरी छोड़कर पूरी तरह से संघ का प्रचारक बनने का फैसला किया. कुछ ही समय बाद देश में इंदिरा गांधी सरकार ने इमरजेंसी लगा दी. प्रमोद को नासिक जेल में डाल दिया गया. जहां से वह 1977 में रिहा हुए.

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5. बीजेपी के गठन के बाद संघ ने उन्हें पार्टी के काम के लिए भेज दिया. वह महाराष्ट्र में बीजेपी के महासचिव बनाए गए. इस पद पर वह 1985 तक रहे. 1983 में ही उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय सचिव भी बनाया गया. 1984 की इंदिरा सहानुभूति लहर के दौरान प्रमोद पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़े और खेत रहे.

6. 1986 में प्रमोद को बीजेपी के युवा फ्रंट भारतीय जनता युवा मोर्चा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया. 1990 से 1992 के बीच भी वह इस पद पर रहे.

7. बीजेपी को हिंदी पट्टी में मजबूत जमीन मुहैया कराने में तत्कालीन पार्टी अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी की सोमनाथ से अयोध्या रथयात्रा का अहम रोल था. इस यात्रा के आयोजन में नरेंद्र मोदी भी जुड़े थे और प्रमोद महाजन को भी अहम जिम्मेदारी मिली थी.

8. प्रमोद महाजन 1986 में पहली बार संसद पहुंचे. बतौर राज्यसभा सांसद. तब से लेकर मृत्यु तक वह राज्यसभा सांसद ही रहे सिर्फ दो साल को छोड़कर जब वह लोकसभा में थे. लोकसभा चुनाव वह सिर्फ एक बार जीते. 1996 में मुंबई नॉर्थ ईस्ट सीट से. 1998 में वह यहां से चुनाव हार गए और फिर बरास्ते राज्यसभा दिल्ली पहुंचे.

9. अटल बिहारी वाजपेयी की पहली 13 दिनी सरकार में प्रमोद महाजन ने बतौर रक्षा मंत्री शपथ ली थी.

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10. अटल बिहारी वाजपेयी की दूसरी सरकार (1998) में प्रमोद महाजन पहले प्रधानमंत्री के सलाहकार बने. फिर उन्होंने पद से इस्तीफा देकर राज्यसभा का चुनाव जीता. उसके बाद उन्हें मंत्रिमंडल में बतौर सूचना और प्रसारण मंत्री शामिल किया गया. एक साल बाद वह जल संसाधन और संसदीय कार्यमंत्री बना दिए गए.

11. 2001 में उन्हें पिछले सरकारी नीतिगत विवादों के बीच कम्युनिकेशन मिनिस्टर बना दिया गया. उनके जिम्मे 1999 में बनाई गई परिवर्धित टेलिकॉम पॉलिसी को लागू करने का जिम्मा था. इसके तहत टेलिकॉम ऑपरेटर्स को फिक्स्ड लाइसेंस फीस के बजाय रेवेन्यू का एक हिस्सा शेयर करना था. नई पॉलिसी के बाद देश में मोबाइल फोन क्रांति आई. यह आदमी के इस्तेमाल की चीज बन गई.

12. इस दौरान प्रमोद महाजन पर रिलायंस इन्फोकॉम के प्रति पक्षधरता दिखाने के आरोप भी लगे. टेलिकॉम सेक्टर में सक्रिय सरकारी संस्था बीएसएनल के विनिवेश को लेकर भी प्रमोद महाजन की तत्कालीन विनिवेश मंत्री अरुण शौरी से ठन गई थी. इसके बाद 2003 में प्रमोद महाजन को कैबिनेट से हटाकर पार्टी संगठन में महासचिव की जिम्मेदारी दे दी गई. शौरी को कम्युनिकेशन मिनिस्टर बना दिया गया. इस बदलाव पर प्रमोद बोले. कुछ नहीं बदला है. पहले रथ पर सवार था. अब रथ चलाने जा रहा हूं.

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13. इंडियन एक्सप्रेस अखबार की पत्रकार शिवानी भटनागर की हत्या के मामले में भी प्रमोद महाजन पर इल्जाम लगे. मामले के मुख्य आरोपी आईपीएस अधिकारी रविकांत शर्मा की पत्नी मधु ने इल्जाम लगाया कि शिवानी की हत्या के पीछे प्रमोद महाजन का हाथ था.

14. शिवानी भटनागर का 23 जनवरी 1999 को कत्ल हुआ था. तीन साल की तफ्तीश के बाद पुलिस ने शर्मा को गिरफ्तार किया. पुलिस के मुताबिक शर्मा के शिवानी से संबंध थे. शिवानी उनके बच्चे की मां बनी थी. शिवानी का दबाव था कि शर्मा उनसे शादी करें. जबकि मधु ने प्रेस में कहा कि प्रमोद के शिवानी से संबंध थे और यह बच्चा भी उन्हीं का था. मधु ने प्रमोद को डीएनए टेस्ट की चुनौती दी, जिसे महाजन ने स्वीकार कर लिया. मगर दिल्ली पुलिस ने मधु के आरोपों को सिरे से बेबुनियाद, बिना किसी प्रमाण का कह खारिज कर दिया.

15. प्रमोद महाजन के रणनीतिक कौशल ने अपना आखिरी उत्कर्ष देखा दिसंबर 2003 में चार राज्यों (दिल्ली, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान) में हुए विधानसभा चुनावों में. महाजन का जोर था कि पार्टी परंपरागत हिंदुत्व की लाइन के बजाय विकास के मुद्दों पर आक्रामक हो वोट मांगे. दिल्ली को छोड़कर बाकी राज्यों में बीजेपी जबरदस्त जीत दर्ज कर सत्ता में आई.

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16. इसके बाद आया वह दौर, जब बकौल तमाम राजनीतिक पंडित महाजन की सबसे बड़ी हाराकीरी हुई. प्रमोद को लगा कि पूरे देश में अटल बिहारी सरकार के पक्ष में मूड है. इसे भुनाने के लिए तय समय से कुछ पहले ही आम चुनाव करा लिए जाने चाहिए. अटल सरकार ने संसद को समय से कुछ महीने पहले ही भंग करने की सिफारिश कर दी.

17. 2004 के लोकसभा चुनावों की रणनीति का जिम्मा प्रमोद महाजन को दिया गया. फील गुड और इंडिया शाइनिंग के नारे अस्तित्व में आए. मगर पार्टी इन सबके बावजूद लोकसभा चुनाव हार गई. महाजन ने व्यक्तिगत तौर पर हार की जिम्मेदारी ली.

18. 22 अप्रैल 2006 को प्रमोद महाजन अपने मुंबई स्थित अपार्टमेंट में परिवार के साथ थे. तभी उनके छोटे भाई प्रवीण महाजन वहां आए. उन्होंने अपनी पिस्टल से प्रमोद पर चार गोलियां दागीं. पहली गोली प्रमोद को नहीं लगी. मगर बाकी तीन प्रमोद के लीवर और पैनक्रिअस में जा धंसी. उन्हें हिंदुजा अस्पताल ले जाया गया. 13 दिन के संघर्ष के बाद दिल का दौरा पड़ने से 3 मई 2006 को प्रमोद का निधन हो गया.

19. 4 मई 2006 को मुंबई के दादर इलाके में स्थित मशहूर शिवाजी पार्क में उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया.

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20. भाई को गोली मारने के बाद प्रवीण ने वर्ली पुलिस स्टेशन में सरेंडर कर दिया. उनका इल्जाम था कि मेरा भाई लगातार मुझे अपमानित करता था. उन्होंने कहा, 'मैं एक मशहूर और ताकतवर आदमी का गरीब छोटा भाई बनकर रह गया. 18 दिसंबर 2007 को प्रवीण को कत्ल के जुर्म में उम्रकैद की सजा सुनाई गई. जेल में रहने के दौरान ही उन्हें ब्रेन स्ट्रोक हुआ. उन्हें इलाज के लिए पैरोल पर रिहा किया गया. इलाज के दौरान ही 3 मार्च 2010 को प्रवीण का निधन हो गया.

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