केंद्र में बीजेपी की सरकार बनने जा रही है. ऐसे में राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ भी अपनी 'चाहत' बयां करने लगा है. संघ की ओर से यह साफ कर दिया गया है कि उसकी ओर से सरकार बनने की प्रक्रिया में कोई दखलअंदाजी नहीं की जाएगी. दूसरी तरफ बीजेपी की प्रभावशाली जीत के बाद संघ विचारक एम जी वैद्य ने राम मंदिर निर्माण और धारा 370 हटाए जाने की मांग दोहराई है.
वैद्य ने अपने ब्लॉग में लिखा है कि '1999 में बीजेपी सिर्फ 182 सीटें जीत पाई थी. तब नेशनल कॉन्फ्रेंस जैसी पार्टियों से समर्थन लेने की मजबूरी थी. इसलिये कॉमन मिनिमम प्रोग्राम सहयोगी पार्टियों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया था. उस वक्त धारा 370 हटाए जाने और अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का मु्द्दा ठंडे बस्ते में चला गया था.'
बीजेपी की मौजूदा स्थिती और गठबंधन में शामिल पार्टियों के विचार पर जोर देते हुए कहा, 'टीडीपी, शिवसेना और अकाली दल एनडीए का हिस्सा हैं. ऐसे में मुमकिन है कि इन पार्टियों को राम मंदिर बनाए जाने पर कोई ऐतराज नहीं होगा.'
वैद्य ने कांग्रेस की हार पर भी टिप्पणी की है. बिना कहे राहुल गांधी और सोनिया गांधी पर हमला करते हुए उन्होंने कहा है कि 'कांग्रेस को अपने नेतृत्व में बदलाव लाना चाहिए.'
बीजेपी की जीत में संघ के योगदान की सराहना करते हुए एम जी वैद्य ने कही की आरएसएस की वजह से ही बीजेपी को मिले वोट प्रतिशत में इजाफा हुआ है. हालांकि, वैद्य के राम मंदिर के बयान पर बीजेपी की तरफ से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.