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अयोध्या केस में तारीख पर तारीख, नाराज संत बोले- अब नया राजा करेगा मंदिर निर्माण

Ayodhya Case रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले की सुनवाई एक बार फिर टलने के कारण संत समाज में रोष है. संतों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट में मामला टलने के कारण उन्हें निराशा हाथ लगी है.

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File Picture (Reuters)
File Picture (Reuters)

अयोध्या में रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में और लंबा खिंचता जा रहा है. 29 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में नई बेंच द्वारा मामले की सुनवाई होनी थी, लेकिन जस्टिस बोबडे की अनुपस्थिति के कारण सुनवाई एक बार फिर टल गई. मामला एक बार फिर आगे बढ़ने से संत समाज में रोष है. कई संतों का कहना है कि इस प्रकार की देरी से हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंचाई जा रही है.

गौरतलब है कि चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने राम मंदिर मसले को सुनने के लिए पांच जजों की पीठ का गठन किया था. इसमें चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के अलावा जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस अब्दुल नजीर, जस्टिस एस. ए. बोबडे और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ शामिल हैं. सुनवाई 29 जनवरी को होनी थी, लेकिन अंतिम समय में जस्टिस बोबडे छुट्टी पर चले गए और सुनवाई टल गई. अभी ये भी साफ नहीं है कि मामले की सुनवाई कब होगी.

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रामलला के मुख्य पुजारी का कहना है कि जिस प्रकार से तारीख पर तारीख बढ़ रही है, इससे ये साफ दिख रहा है कि जल्दी न्याय नहीं मिल रहा है. उन्होंने कहा कि इतना अहम मामला है और जज छुट्टी पर जा रहे हैं, कोर्ट का बार-बार इस मसले को टालना दुखद है. एक पक्ष मामले की तारीख आगे बढ़ने से नाराज हैं जबकि दूसरे पक्ष का कहना है कि कोर्ट का सम्मान होना चाहिए.

बाबरी मस्जिद पक्ष के इकबाल अंसारी ने कहा कि तारीख आगे बढ़ना कोई नई बात नहीं है, ये होता रहता है. उन्होंने कहा कि अगर किसी की कोर्ट या सरकार से नाराजगी है तो रहे, इससे न्यायिक प्रक्रिया पर फर्क नहीं पड़ता है.

प्रयागराज में आजतक से बात करते हुए संतों ने कहा कि जिसपर संतों का आशीर्वाद होगा, वही व्यक्ति ही सत्ता पर विराजमान होगा. संतों के मुताबिक, अब चाणक्य नीति के अनुसार नए राजा का चयन होगा, जो राम मंदिर का निर्माण करेगा. होगा. संतों के मुताबिक, अब चाणक्य नीति के अनुसार नए राजा का चयन होगा, जो राम मंदिर का निर्माण करेगा.

गौरतलब है कि इससे पहले 10 जनवरी को मामले की सुनवाई होनी थी, लेकिन बाबरी मस्जिद के वकील द्वारा पीठ पर सवाल खड़े किए गए. जिसके बाद जस्टिस यूयू ललित ने खुद को मामले से अलग किया और चीफ जस्टिस को नई बेंच का गठन करना पड़ा.

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कैसे मिलती रही तारीख पर तारीख

29 अक्टूबर, 2018 – सुप्रीम कोर्ट ने मामले को जनवरी, 2019 को सुनने की बात कही.

04 जनवरी, 2019 – सिर्फ 60 सेकंड में ही नई तारीख 10 जनवरी दे दी गई.

8 जनवरी, 2019 – चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने नई बेंच का गठन किया.

10 जनवरी, 2019 – बेंच में जस्टिस यूयू ललित की मौजूदगी पर वकील ने खड़े किए सवाल, 29 जनवरी के लिए सुनवाई टली.

27 जनवरी, 2019 – जस्टिस बोगडे छुट्टी पर, 29 जनवरी को नहीं होगी सुनवाई.

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