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...तो कानून मंत्री के साथ नपेंगे बंसल भी!

देश के कानून मंत्री की कुर्सी जायेगी या नहीं. अगर यह अगले कुछ घंटे में तय हो जायेगा तो रेल मंत्री की कुर्सी की उम्र भी 48 घंटे से ज्यादा की नहीं है. क्योकि यह माना जा रहा है कि सीबीआई जैसे ही रेल मंत्री पवन बंसल का दरवाजा पूछताछ के लिये खटखटायेगी वैसे ही पवन बंसल का इस्तीफा होगा.

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देश के कानून मंत्री की कुर्सी जायेगी या नहीं. अगर यह अगले कुछ घंटे में तय हो जायेगा तो रेल मंत्री की कुर्सी की उम्र भी 48 घंटे से ज्यादा की नहीं है. क्योकि यह माना जा रहा है कि सीबीआई जैसे ही रेल मंत्री पवन बंसल का दरवाजा पूछताछ के लिये खटखटायेगी वैसे ही पवन बंसल का इस्तीफा होगा. लेकिन सीबीआई पवन बंसल तक पहुंच पाती है या नहीं यह अगले 15 घंटे बाद तय हो जायेगा जब सुप्रिम कोर्ट सीबीआई के हलफनामे पर फैसला सुनायेगी.

माना जा रहा है कि अगर सुप्रिम कोर्ट ने सीबीआई को स्वतंत्रता और ताकत देने का सवाल उठाते हुये पॉलिटिकल मास्टर को सीधे चेतावनी दे दी तो कानून मंत्री की कुर्सी तो जायेगी ही और रेल मंत्री पवन बंसल को भी सीबीआई जांच के लपेटे में लेने से हिचकेगी नहीं. और तब पवन बंसल को इस्तिफा देना पड़ेगा.

असल में सीबीआई अभी से इसकी तैयारी में भी जुट चुकी है. क्योकि पवन बंसल तक पहुंचने के लिये पवन बंसल के निजी सचिव आईएएस राहुल भंडारी के टेलिफोन काल्स डिटेल्स ही काफी हैं. और मंत्री का निजी सचिव बिना मंत्री की इजाजत के ना तो महेश कुमार से बात कर सकता है और ना ही मंत्री के भांजे विजय सिंगला से. जबकि निजी सचिव भंडारी ने महीने भर में 40 बार दोनों से फोन पर बात की.

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जानकारी के मुताबिक सीबीआई ने मुबंई के भंयदर में महेश कुमार के घर पर से दस्तावेजों को भी जब्त किया है जिनसे पवन बंसल की मुश्किल और बढ़ सकती है. यानी सुप्रिम कोर्ट के फैसले के बाद अगर सरकार ने कानून मंत्री की गर्दन काटी तो पवन बंसल भी ज्यादा दिन नहीं टिक पाएंगे.

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