सेना को ताकतवर बनाने के मकसद से भारत सरकार एक और बड़ा सौदा करने की तैयारी में है. फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने का सौदा पहले ही हो चुका है और 8 अक्टूबर को इसकी पहली खेप भारत को मिल भी जाएगी. लेकिन इसी के साथ भारत सरकार अतिरिक्त 36 राफेल विमान खरीदने की तैयारी में है, इससे भारत वायुसेना में राफेल लड़ाकू विमानों की संख्या 72 हो जाएगी.
अभी कुछ दिन पहले ही फ्रांस की कंपनी दसॉल्ट एविएशन ने भारत को उसका पहला राफेल विमान सौंपा, हालांकि 8 अक्टूबर को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आधिकारिक तौर पर इसे रिसीव करेंगे.
समाचार एजेंसी IANS के अनुसार, भारत सरकार फ्रांस के साथ 36 अतिरिक्त राफेल विमान लेने पर विचार कर रही है. भारतीय डिफेंस रिसर्च विंग की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस नए ऑर्डर पर 2020 की शुरुआत तक फैसला हो जाएगा.
राफेल लड़ाकू विमान को लेकर भारत में काफी विवाद रहा है, लेकिन इसके बावजूद भारत सरकार इस सौदे पर पीछे नहीं हटी और 36 राफेल विमान भारत आने की प्रक्रिया जारी है. हाल ही में जब भारत ने पाकिस्तान के बालाकोट में एयरस्ट्राइक की थी, तब इस विमान की जरूरत पड़ी थी. इसी के बाद से ही तेजी से इसपर काम शुरू हो गया.
भारत के पहले सौदे के अनुसार जो 36 विमान आ रहे हैं, वह 2022 तक भारत पहुंचेंगे. वायुसेना की योजना है कि राफेल के एक-एक स्क्वाड्रन (18 विमान) को अंबाला और हाशिमारा में तैनात किया जाए, जिससे पाकिस्तान और चीन के मद्देनजर हवाई सुरक्षा मजबूत की जा सके.
गौरतलब है कि डिफेंस के क्षेत्र में भारत बड़ा मार्केट है. भारत में भले ही मेक इन इंडिया के तहत कई हथियार और विमान बन रहे हैं लेकिन फिर भी काफी विमान इम्पोर्ट किए जा रहे हैं. दुनिया के कई देश भारत को इसी पर रिझाने में जुटे हुए हैं, फिर चाहे वह अमेरिका हो, रूस हो या फिर कोई और देश. हालांकि, अभी भारत का फोकस राफेल लड़ाकू विमान खरीदने पर ही है.