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फहीम, सबाउद्दीन के खिलाफ सबूत ‘संदेहास्पद’: अदालत

26/11 मुंबई हमला मामले की सुनवाई कर रही अदालत ने आरोपियों फहीम अंसारी तथा सबाउद्दीन अहमद के खिलाफ ‘संदेहास्पद’ और ‘कमजोर’ सबूत पेश करने के लिए सोमवार को अभियोजन पक्ष और जांच एजेंसी को कड़ी फटकार लगायी.

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26/11 मुंबई हमला मामले की सुनवाई कर रही अदालत ने आरोपियों फहीम अंसारी तथा सबाउद्दीन अहमद के खिलाफ ‘संदेहास्पद’ और ‘कमजोर’ सबूत पेश करने के लिए सोमवार को अभियोजन पक्ष और जांच एजेंसी को कड़ी फटकार लगायी.

कमजोर सबूतों के चलते ही वे इस मामले से बरी हो गए. 1600 पन्नों के फैसले में अदालत ने कहा है ‘अभियोजन पक्ष के एकमात्र गवाह के सबूत संदेहास्पद और अविश्वसनीय हैं. जांच एजेंसी दोनों (फहीम तथा सबाउद्दीन) के खिलाफ ठोस सबूत उपलब्ध कराने में विफल रही’.

अदालत ने फहीम और सबाउद्दीन को संदेह का लाभ देते हुए तीन मई को बरी कर दिया था. गवाह नुरूद्दीन शेख ने अदालत में गवाही दी थी कि वह तथा एक अन्य व्यक्ति भारत ठाकुर जनवरी 2008 में नेपाल की यात्रा पर गए थे जहां उन्होंने देखा कि अंसारी ने काठमांडो के एक गेस्टहाउस में मुंबई के ठिकानों के नक्शे सबाउद्दीन को सौंपे.

अभियोजन पक्ष के अनुसार, इन नक्शों का इस्तेमाल अजमल कसाब समेत पाकिस्तानी उग्रवादियों ने किया और ऐसा ही एक नक्शा मारे गए उग्रवादी अबु इस्माल की पेंट की जेब में पाया गया था. अदालत ने अपने आदेश में कहा, ‘शेख ने अपनी नेपाल यात्रा और वहां रहने के बारे में कोई दस्तावेजी सबूत नहीं पेश किया. गवाह ने स्वीकार किया था कि नेपाल में प्रवेश करने वाले लोगों का एक रिकार्ड सनौली बार्डर पर रखा जाता है. लेकिन वह कोई प्रवेश पर्ची पेश करने में विफल रहा. {mospagebreak}

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जांच एजेंसी ने इस सबूत को हासिल करने का कोई प्रयास नहीं किया और न ही यह जांच पड़ताल करने की जहमत उठाना जरूरी समझा कि शेख नेपाल गया था या नहीं’. अदालत ने कहा ‘अभियोजन पक्ष ने शेख के सबूतों की पड़ताल के लिए भरत ठाकुर से भी पूछताछ नहीं की. अभियोजन पक्ष का यह कहना कि ठाकुर का पता नहीं चल रहा है, भी कमजोर तर्क है और अदालत को प्रभावित नहीं करता’.

अदालत ने साथ ही यह भी कहा कि फहीम और सबाउद्दीन के खिलाफ अभियोजन पक्ष के मामले को साबित करने के लिए ठाकुर महत्वपूर्ण गवाहों में से एक था. अदालत ने फहीम के वकील आर बी मोकाशी के इस तर्क को स्वीकार कर लिया कि इस्माइल के शव से मिले मानचित्र पर कोई सलवटें या खून के धब्बे नहीं थे.

न्यायाधीश ताहिलियानी ने कहा, ‘मेरे विचार से, यदि मानचित्र इतने लंबे समय से इस्माइल की जेब में रहता तो वास्तव में उसकी हालत काफी खराब हो चुकी होती. यह सबूत बेहद संदेहास्पद है’. अदालत ने कहा कि फहीम और सबाउद्दीन को 26/11 हमला मामले से जोड़ने के लिए अभियोजन पक्ष द्वारा सौंपे गए सभी सबूत ‘संदेहास्पद और दागदार’ पाए गए हैं.

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