2019 के पहले इंटरव्यू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक में हमने बड़ा रिस्क लिया था. जिन जवानों को हमने सीमा के पार भेजा था उनके लौटने तक हमारी सांसें अटकी हुई थीं. प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें बताया गया था कि हमारे जवान ऑपरेशन को अंजाम तक पहुंचाकर वापस लौट आएंगे लेकिन हमारी सांसें अटकी हुई थीं. पीएम ने कहा कि हमें यह भी बताया गया था कि सुबह होने के पहले जवान अपनी सीमा में होंगे लेकिन जब तक सारे जवान वापस नहीं लौट आए हमारी चिंता बनी हुई थी.
पीएम ने आगे कहा कि पाकिस्तान एक लड़ाई से सुधरने वाला नहीं है. मोदी के इस जवाब को विपक्षी पार्टियों पर करारा हमला माना जा रहा है. क्योंकि विपक्षी पार्टियों ने इसका पुरजोर विरोध किया था. कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों ने सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर सरकार की मंशा पर सवाल उठाए थे. इसका जवाब देते हुए पीएम ने कहा कि उन्हें चिंता थी, क्योंकि हमने बहुत बड़ा रिस्क लिया था. पीएम ने यह भी कहा कि एक लड़ाई से पाकिस्तान सुधरने वाला नहीं है.
#PMtoANI on cross border attacks from Pakistan even after surgical strike: Ek ladai se Pakistan sudhar jayega, yeh sochna bohot badi ghalti hogi. Pakistan ko sudharne mein abhi aur samay lagega. pic.twitter.com/9skh5PcwSz
— ANI (@ANI) January 1, 2019
कब हुई थी सर्जिकल स्ट्राइक
2016 में उरी में आतंकी हमले के 10 दिन के अंदर ही इसका बदला ले लिया. भारतीय सेना योजनाबद्ध तरीके से 28-29 सितंबर की आधी रात पाकिस्तान की सीमा में 3 किलोमीटर के अंदर घुसी और आतंकियों के ठिकानों को तहस-नहस कर डाला. सर्जिकल स्ट्राइक का खुलासा होने के बाद विपक्षी नेताओं ने इसको मुद्दा बनाते हुए विरोध किया था. उनका कहना था कि सरकार ने अपनी प्रतिष्ठा बचाने के लिए जवानों की जान दांव पर लगा दी.