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शिक्षक दिवस से पहले प्रेसिडेंट सर ने ली क्लास, PM मोदी ने बढ़ाया छात्रों का हौसला

शिक्षक दिवस से पहले राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्कूली बच्चों से बातें करते हुए कई जरूरी संदेश दिए. राष्ट्रपति ने दिल्ली के स्कूल में लेक्चर देते हुए छात्रों से अपने बचपन के खट्टे-मीठे अनुभव साझा किए. PM मोदी ने छात्रों को प्रेरणा देने वाली कई बातें बताईं.

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राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

शिक्षक दिवस से पहले राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्कूली बच्चों से बातें करते हुए कई जरूरी संदेश दिए. राष्ट्रपति ने दिल्ली के स्कूल में लेक्चर देते हुए छात्रों से अपने बचपन के खट्टे-मीठे अनुभव साझा किए. PM मोदी ने छात्रों को प्रेरणा देने वाली कई बातें बताईं.

'दूसरे प्रोफेशन के अच्छे लोग राजनीति में आएं'
प्रधानमंत्री मोदी ने बच्चों से कहा कि जिनमें नेतृत्व की क्षमता और लोगों का कल्याण करने की भावना है, वे निश्चित रूप से राजनीति में आएं. उन्होंने कहा कि राजनीति में हर क्षेत्र से अच्छे लोग आएं, तभी देश समृद्ध होगा. उन्होंने स्वीकार किया कि राजनीति के ज्यादा बदनाम हो जाने के कारण इसमें अच्छे लोग आने से डरते हैं. प्रधानमंत्री ने शिक्षक दिवस से एक दिन पहले स्कूली बच्चों से बातचीत के दौरान यह बात कही.

'राजनीतिक जीवन बदनाम हो चुका है'
मोदी ने कहा, 'दुर्भाग्य से राजनीतिक जीवन इतना बदनाम हो चुका है कि लोगों को इसमें आने से डर लगता है. अच्छे लोग इसमें नहीं आना चाहते. उन्हें इसमें आने से डर लगता है. हम एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में हैं और राजनीतिक व्यवस्था उसी का हिस्सा है. राजनीति में अच्छे लोग आएं, हर क्षेत्र के लोग आएं, तभी देश समृद्ध होगा.' मोदी ने कहा कि महात्मा गांधी ने आजादी का आंदोलन चलाया था, तो हर क्षेत्र से लोग उसमें आए, जिससे उसे ताकत मिली.

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छात्रों के सवालों के दिए जवाब
मोदी दिल्ली छावनी स्थित मानिक शॉ आडिटोरियम में मौजूद बच्चों और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए देश के कई क्षेत्रों के बच्चों से रूबरू हुए. उन्होंने राजनीति में आने से जुड़े एक सवाल के जवाब में, 'राजनीति में आना है, तो चुनाव लड़ने और कुर्सी पाने की इच्छा की बजाए लोगों के कल्याण की भावना से आएं. लोगों का दुख अगर चैन से सोने न दे और उनके सुख से हम खुशी से ओत-प्रोत हो जाएं, तभी इसकी सार्थकता है.'

 

उन्होंने कहा कि अगर राजनीति मे आना है, तो नेतृत्व क्षमता महत्वपूर्ण है. नेतृत्व क्षमता स्वभाविक भी होती है और इसे धीरे-धीरे विकसित भी किया जाता है.

बच्चों पर अपने सपने न थोपें मां-बाप
बच्चों पर अपनी इच्छाएं थोपने को गलत बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि माता-पिता का एक स्वभाव होता है कि जो काम वे खुद नहीं कर पाते, वे अपने बच्चों के माध्यम से कराना चाहते हैं. यह ठीक नहीं है. यही सबसे बड़ी कठिनाई है. मां बाप को अपने सपने अपने बच्चों पर नहीं थोपने चाहिए. उन्होंने कहा, 'अगर आप ऐसा करते हैं, तो आप अपने बच्चों को नहीं जानते, उनकी क्षमताओं के नहीं जानते. थोप देने से बच्चों को सफलता नहीं मिलती.'

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विद्यार्थी जीवन में शिक्षकों की अहम भूमिका : मोदी
नरेंद्र मोदी ने कहा कि विद्यार्थियों के जीवन में शिक्षकों की अहम भूमिका होती है. उन्होंने कहा कि शिक्षक होना बाकी करियर जैसा नहीं है. मोदी ने कहा, 'एक शिक्षक होना बाकी करियर की तरह नहीं है. यह एक अलग तरह का करियर होता है. मैं सभी शिक्षकों को सलाम करता हूं. शिक्षक ही पीढ़ियों की रचना करते हैं.'

उन्होंने कहा कि शिक्षकों के कंधों पर बच्चों के भविष्य को संवारने की एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी होती है. उन्होंने कहा, 'एक शिक्षक कभी सेवानिवृत्त नहीं हो सकता.'

कलाम को शिक्षक के रूप में याद किया जाएगा
मोदी ने दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के बारे में कहा, 'आपने कलाम को देखा है. वह हमेशा चाहते थे कि उन्हें एक शिक्षक के रूप में याद किया जाए.'

उन्होंने कहा, 'हम सर्वपल्ली राधाकृष्णन (दिवंगत राष्ट्रपति) के जन्मदिवस को शिक्षक दिवस के रूप में मनाते हैं और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं.'

राष्ट्रपति ने बच्चों को पढ़ाया राजनीतिशास्त्र का पाठ
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शुक्रवार को शिक्षक दिवस से एक दिन पहले दिल्ली राष्ट्रपति भवन में एक सरकारी स्कूल में राजनीतिशास्त्र पढ़ाया. उन्होंने कहा कि वे वही इतिहास बता रहे हैं, जो उन्होंने खुद देखा है.

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'मैं तेज स्टूडेंट नहीं था'
प्रणब मुखर्जी ने कहा कि वे स्कूल के दौरान पढ़ाई में तेज नहीं थे, बल्कि औसत थे.


'मैं शरारती बच्चा था'
राष्ट्रपति ने कहा कि जब वे छोटे थे, तो बहुत शरारती थे. साथ ही वे अपनी मां को बहुत परेशान करते थे.

'स्कूल जाने में दिक्कत होती थी'
प्रणब मुखर्जी ने अपनी स्कूली जीवन को याद करते हुए कहा, 'मुझे बारिश में स्कूल जाने में दिक्कत होती थी. मेरा स्कूल घर से 5 किलोमीटर दूर था. मुझे तौलिया बांधकर स्कूल जाना पड़ता था.'

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