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सिक्किम: गोले ने ली CM पद की शपथ, ऐसे खत्म किया 24 साल का चामलिंग राज

नेपाली मां-बाप कालू सिंह तमांग और धान माया तमांग के बेटे गोले का जन्म पांच फरवरी 1968 में हुआ था. गोले ने दार्जिलिंग के एक कॉलेज से बीए किया और एक सरकारी स्कूल में शिक्षक के रूप में काम करना शुरू किया.

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सिक्किम के मुख्यमंत्री पीएस गोले (फाइल फोटो)
सिक्किम के मुख्यमंत्री पीएस गोले (फाइल फोटो)

सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) के अध्यक्ष पीएस गोले ने सोमवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. गोले का असली नाम प्रेम सिंह तमांग है. चुनाव नहीं लड़ने के कारण गोले इस वक्त राज्य विधानसभा के सदस्य नहीं हैं.

गंगटोक स्टेडियम में मौजूद एसकेएम के हजारों समर्थकों ने नेपाली भाषा में शपथ ग्रहण करते समय 51 साल के पार्टी प्रमुख के लिए जयकारे लगाए. पूर्व मुख्यमंत्री पवन कुमार चामलिंग और सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) के वरिष्ठ नेताओं ने शपथ ग्रहण समारोह में शिरकत नहीं की. 2013 में बनी एसकेएम ने 32 सदस्यों वाली सिक्किम विधानसभा में 17 सीट जीत कर स्पष्ट बहुमत हासिल किया है. एसडीएफ को 15 सीटों पर जीत मिली है.

एसकेएम ने 24 से अधिक साल तक सत्ता में रहने के बाद चामलिंग सरकार को सत्ता से बेदखल कर दिया. चामलिंग की अगुआई वाले एसडीएफ के संस्थापक सदस्य रहे गोले ने पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ बगावत कर 2013 में सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा बनाया. उन्होंने एसडीएफ पर भ्रष्टाचार और कुशासन का आरोप लगाया था. गठन के अगले ही साल 2014 के विधानसभा चुनावों में एसकेएम ने 10 सीटें जीतीं.

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हालांकि, भ्रष्टाचार के एक मामले में दोषी ठहराए जाने के मद्देनजर नामांकन खारिज किए जाने के डर से गोले ने इस बार विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया. नेपाली मां-बाप कालू सिंह तमांग और धान माया तमांग के बेटे गोले का जन्म पांच फरवरी 1968 में हुआ था. गोले ने दार्जिलिंग के एक कॉलेज से बीए किया और एक सरकारी स्कूल में शिक्षक के रूप में काम करना शुरू किया.

गोले के सियासी सफर में उतार-चढ़ाव

समाज सेवा के लिए उन्होंने तीन साल की सेवा के बाद सरकारी नौकरी छोड़ दी और बाद में एसडीएफ में शामिल हो गए. गोले की तीन दशक की राजनीतिक यात्रा उतार चढ़ाव वाली रही है. वह 1994 से लगातार पांच बार सिक्किम विधानसभा के लिए चुने गए और 2009 तक एसडीएफ सरकार में मंत्री के रूप में कार्य किया. एसडीएफ सरकार के चौथे कार्यकाल (2009-14) के दौरान चामलिंग ने उन्हें मंत्री पद देने से इनकार कर दिया इसके बाद गोले ने पार्टी छोड़ दी और अपना दल बनाया. उन्होंने सभी एसडीएफ के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया और एसकेएम प्रमुख के रूप में जिम्मेदारी संभाली.

2016 में गोले को 1994 और 1999 के बीच सरकारी पैसे की हेराफेरी करने के लिए दोषी ठहराया गया था और बाद में विधानसभा में उनकी सदस्यता समाप्त कर दी गई थी. 51 साल के गोले राज्य के पहले ऐसे राजनेता थे जिन्हें सजा मिलने के बाद विधानसभा से निलंबित कर दिया गया था. उन्होंने सिक्किम हाई कोर्ट में फैसले को चुनौती दी जिसने फैसले को बरकरार रखा जिसके कारण गोले को समर्पण करना पड़ा. 2018 में जब गोले जेल से बाहर निकले तो उनके हजारों समर्थकों ने उनका स्वागत किया और अपने नेता के प्रति एकजुटता दिखाते हुए जुलूस निकाला.

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