भारतीय शहरों में करीब 35 फीसदी बच्चों के फेफड़े कमजोर पाए गए हैं. यह बात एक सर्वेक्षण में सामने आई है.
'ब्रीद सर्वे' और हील फाउंडेशन की ओर से जारी सर्वेक्षण के नतीजों के मुताबिक, सबसे ज्यादा बच्चे दिल्ली में प्रभावित हैं और इनमें से 40 फीसदी खराब सेहत वालों की श्रेणी में आते हैं. कोलकाता में यह आंकड़ा 35 फीसदी, बंगलुरु में 36 फीसदी और मुंबई में 27 फीसदी है.
'विश्व अस्थमा दिवस' से पहले जारी सर्वेक्षण क्लीन एयर इंडिया मूवमेंट का हिस्सा है और इसमें देश के सभी हिस्सों से 8 से 14 साल आयु वर्ग के 2000 स्कूली बच्चे शामिल हुए. इसका मकसद बच्चों की सांस लेने की क्षमता पर वायु प्रदूषण के प्रभावों का अध्ययन करना था.
विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट ने हाल ही में कहा था कि दुनिया में सबसे ज्यादा प्रदूषित 20 शहरों में से 13 भारत के हैं. जाने-माने पर्यावरणविद सुभाष दत्ता के मुताबिक, कोलकाता में स्थिति इसलिए ज्यादा खराब है क्योंकि सड़कों पर कम जगह होने से वाहनों की भीड़ बढ़ जाती है.
(इनपुट: भाषा)