प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह आज अमेरिका और ब्राजील की आठ दिनों की यात्रा पर रवाना होंगे. यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री कई अहम बैठकों में हिस्सा लेंगे. पहले प्रधानमंत्री अमेरिका जाएंगे जहां वो दुनिया भर में परमाणु हथियारों और ठिकानों को आतंकियों से सुरक्षित रखने के उपायों पर चर्चा के लिए होनेवाले सम्मेलन में हिस्सा लेंगे. इसके बाद पीएम ब्राजील जाएंगे जहां वो ब्रिक यानी ब्राजील-रुस-भारत-चीन सम्मेलन में हिस्सा लेंगे.
इन शिखर सम्मेलनों में ईरान के विवादास्पद परमाणु कार्यक्रम और संभावित संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध समेत अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा होने की संभावना है. अपनी यात्रा के पहले चरण में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह चार दिनों तक वाशिंगटन में रूकेंगे जहां वह दो दिवसीय परमाणु सुरक्षा शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे.
इस दौरान वह अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा एवं दुनिया के अन्य नेताओं से मिलेंगे. अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के प्रयास से आयोजित होने वाले परमाणु सुरक्षा शिखर सम्मेलन के दौरान परमाणु पदार्थों के आसन्न एवं अवैध व्यापार तथा आतंकवादियों की ओर से परमाणु सामग्रियों को हासिल करने के प्रयासों पर चर्चा की जायेगी.
इस शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री आतंकवादियों की ओर से व्यापक विनाश के हथियारों को हासिल करने के बारे में अपनी चिंताओं को सामने रखेंगे. इस विषय पर पाकिस्तान में अधिक खतरा है, जहां परमाणु पदार्थ को सुरक्षित हाथों में नहीं माना जा रहा है. ऐसी संभावना है कि वह परमाणु पदार्थों को भौतिक सुरक्षा प्रदान करने के साथ कानूनी तंत्र बनाने पर ज्यादा जोर देंगे. प्रधानमंत्री भारत में अंतरराष्ट्रीय परमाणु सुरक्षा केंद्र स्थापित करने का प्रस्ताव भी कर सकते हैं.
{mospagebreak}भारत इस शिखर सम्मेलन और इससे जुड़ी तैयारियों को परमाणु सुरक्षा सुनिश्चित करने और परमाणु ऊर्जा का शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए उपयोग के उपायों को मजबूत बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण मानता है. अमेरिकी राजधानी वाशिंगटन में आयोजित इस शिखर सम्मेलन में ईरान, उत्तर कोरिया, क्यूबा और वेनेजुवेला को नहीं आमंत्रित किया गया है. बहरहाल, ईरान का परमाणु मुद्दा और उससे जुड़े विवाद पर ब्रासिलिया में ‘ब्रिक प्रारूप’ के तहत मनमोहन सिंह, रूसी राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव, चीनी राष्ट्रपति हू जिंताओ और ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डी सिल्वा चर्चा करेंगे.
विदेश मंत्रालय में सचिव (आर्थिक संबंध) पार्वती सेन व्यास ने कहा कि ब्रिक शिखर सम्मेलन में ईरान पहली बार केंद्रीय एजेंडा होगा. विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिम) विवेक काटजू ने कहा कि इस मुद्दे पर आईबीएसए प्रारूप के तहत सिंह, लूला डी सिल्वा और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकब जूमा चर्चा करेंगे. दूसरे ब्रिक शिखर सम्मेलन में अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संकट, जलवायु परिवर्तन, संयुक्त राष्ट्र सुधार और हैती में आये भूकंप पर भी चर्चा होने की संभावना है.
आईईएसए शिखर सम्मेलन के बाद भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका के दो त्रिपक्षी सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर करने की संभावना है. यह सहमति पत्र सौर उर्जा और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी क्षेत्र में होंगे। काटजू ने कहा कि खेल के क्षेत्र में भी एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करने पर भी विचार किया जा रहा है.