गुजरात और हिमाचल प्रदेश चुनाव में जीत दर्ज करने के एक दिन बाद ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर काम में जुट गए हैं. मोदी आज चक्रवाती तूफान 'ओखी' प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं. पीएम मोदी इस दौरान लक्षद्वीप, तमिलनाडु और केरल समेत अन्य दक्षिणी राज्यों का दौरा करेंगे.
इस वक्त मोदी कन्याकुमारी में ओखी प्रभावितों से मिल रहे हैं. लोग अपना दुख-दर्द पीएम के साथ शेयर कर रहे हैं. किसानों ने पीएम मोदी को बताया कि किस तरह से ओखी ने उनकी फसलों को नुकसान पहुंचाया.
PM Narendra Modi also met farmers affected by #CycloneOckhi in #Kanyakumari pic.twitter.com/m22wVJzt4a
— ANI (@ANI) December 19, 2017
मोदी सोमवार देर रात ही कर्नाटक के मैंगलोर पहुंच गए थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लक्षद्वीप पहुंच कर ओखी प्रभावित क्षेत्र की रिव्यू मीटिंग की. मोदी ने यहां कई लोगों से मुलाकात भी की.
PM @narendramodi reviewed the situation arising due to #CycloneOckhi at a high level meeting in Lakshadweep. pic.twitter.com/vLngkLs9Zb
— PMO India (@PMOIndia) December 19, 2017
PM @narendramodi meets victims of Cyclone Ockhi in Kavaratti Lakshadweep pic.twitter.com/3ODzdL6NBs
— PIB India (@PIB_India) December 19, 2017
Lakshadweep: Prime Minister Narendra Modi chairs a review meeting on the aftermath of #CycloneOckhi pic.twitter.com/gIVfqrJ2bg
— ANI (@ANI) December 19, 2017
प्रधानमंत्री इसके साथ ही मछुआरों एवं किसानों के प्रतिनिधिमंडलों सहित तूफान प्रभावित लोगों से भी मुलाकात करेंगे.
उल्लेखनीय है कि नवंबर के आखिर और दिसम्बर के आरंभ में चक्रवाती तूफान 'ओखी' ने केरल, तमिलनाडु और लक्षद्वीप के कई हिस्सों में भारी तबाही मचाई थी. आपको बता दें कि अभी हाल ही में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी यहां आकर मछुआरों से मुलाकात की थी.
प्रधानमंत्री ने इस दौरान चक्रवाती तूफान से उत्पन्न स्थिति पर निरंतर नजर रखी थी. इसके साथ ही उन्होंने सभी संबंधित प्राधिकरणों और अधिकारियों से गहन बातचीत की.
रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने तीन-चार दिसम्बर को तमिलनाडु के कन्याकुमारी जिले और तिरुवनंतपुरम में चक्रवाती तूफान से प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया था. कैबिनेट सचिव पी.के. सिन्हा की अध्यक्षता में राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) की बैठक चार दिसम्बर को आयोजित की गई और इस दौरान चक्रवाती तूफान से प्रभावित राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में चलाए जा रहे राहत एवं बचाव कार्यो की समीक्षा की गई.