इनर लाइन परमिट को लेकर सड़क से सदन तक मचे घमासान के बीच अब मणिपुर के लोगों पर कालाबाजारी और महंगाई की बिजली गिरी है. दैनिक जरूरत के सामानों की कीमतें आसमान छू रही हैं. आलम यह है कि पेट्रोल 160-190 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है.
मणिपुर के कई हिस्सों में लैंडस्लाइड, बराज ब्रिज के टूटने और इस कारण इंफाल-दीमापुर व इंफाल-सिलचर हाईवे बंद हो जाने से यहां वाहनों की आवाजाही बंद हो गई है. आईएलपीएस और एंटी-आईएलपीएस मूवमेंट को लेकर हड़ताल के कारण भी जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है. मणिपुर में एक लीटर पेट्रोल की असल कीमत 57 रुपये होनी चाहिए.
तेल संकट से जूझ रहे मणिपुर में स्थानीय लोगों को पेट्रोल पंप के सामने लंबी कतारों में खड़ा देखा गया, वहीं पेट्रोल की कमी के कारण पेट्रोल पंप भी बंद हैं. तेल की कालाबाजारी ने जोर पकड़ लिया है और खुले में 4 किलो लीटर्स से 12 किलो लीटर्स तक पेट्रोल मिल रहा है.
गौरतलब है कि इंफाल-दीमापुर हाईवे पर भूस्खलन होने से मध्य अगस्त से ही इस रास्ते से होने वाली आपूर्ति बाधित है. जिस जगह भूस्खलन हुआ है वह नागालैंड के फीशिमा इलाके में है.
चार साल पहले भी थे ऐसे हालात
हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब मणिपुर में ऐसी स्थिति बनी है. करीब चार साल पहले भी यहां पेट्रोल की कीमत 200 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गई थी. इंडियन ऑयल का कहना है कि यह समस्या अभी 10 दिनों तक बनी रह सकती है. भूस्खलन के कारण तेल के टैंकरों की आवाजाही बंद है. असम-नागालैंड सीमा पर 186 तेल टैंकर फंसे हुए हैं.