आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल तिहाड़ जेल से बाहर आ गए हैं.कोर्ट ने केजरीवाल का पर्सनल बॉन्ड स्वीकार करते हुए उन्हें जेल से रिहा करने का आदेश दिया.
बीजेपी नेता नितिन गडकरी की तरफ से दायर मानहानि के मामले में केजरीवाल की तरफ 10 हजार रुपये का बेल बॉन्ड भरा गया. इसके बाद पटियाला हाउस कोर्ट ने केजरीवाल को जेल से रिहा करने का आदेश दिया.
केजरीवाल बीते छह दिनों से तिहाड़ जेल में बंद हैं. अब तक वो जमानत के लिए बॉन्ड भरने को तैयार नहीं थे.
कैसे माने केजरीवाल?
केजरीवाल ने दिल्ली हाई कोर्ट का यह सुझाव मान लिया कि वो जमानत के लिए पर्सनल बॉन्ड भर दें. अदालत के सुझाव पर चर्चा के लिए शांति भूषण और प्रशांत भूषण केजरीवाल से मिलने तिहाड़ जेल गए. इसके बाद इन्होंने कोर्ट को जानकारी दी कि केजरीवाल ने जमानत के लिए कोर्ट का सुझाव मान लिया है और 10,000 रुपये के एक मुचलके पर अपने दस्तखत कर दिए हैं.
इसके बाद न्यायमूर्ति कैलाश गंभीर और न्यायमूर्ति सुनीता गुप्ता की पीठ ने केजरीवाल के वकीलों से कहा कि वे संबंधित मजिस्ट्रेट या ड्यूटी मजिस्ट्रेट के समक्ष आज ही मुचलका पेश करें और 'आप' नेता द्वारा उठाए गए कानूनी मुद्दों के अंतिम नतीजों पर मुचलका भरना निर्भर करेगा.
केजरीवाल को मजिस्ट्रेट ने 21 मई को दो दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा था. 23 मई को उनकी हिरासत 14 दिन के लिए 6 जून तक बढ़ा दी गई थी. केजरीवाल ने गडकरी के मानहानि के मामले में जमानत के लिए मुचलका भरने से इनकार कर दिया था.