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संसद का शीतकालीन सत्र शुरू, PM मोदी ने कहा- वाद-विवाद हो लेकिन सदन चले

संसद का शीतकालीन सत्र शुरु होने से पहले प्रधानमंत्री ने विपक्षी दलों से सहयोग की उम्मीद जाहिर की है. शुक्रवार सुबह संसद पहुंचे पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि सदन में चर्चा होगी और महत्वपूर्ण बिल पास हो सकेंगे.

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संसद का शीतकालीन सत्र गुरुवार से शुरू हुआ. दिवंगत सदस्यों को श्रद्धांजलि देने के बाद राज्यसभा की कार्यवाही शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी गई.

लोकसभा में पहले संविधान दिवस पर चर्चा हुई जिसमें गृह मंत्री राजनाथ सिंह और यूपीए की अध्यक्ष सोनिया गांधी शामिल हुईं.

इससे पहले संसद का शीतकालीन सत्र शुरु होने से पहले प्रधानमंत्री ने विपक्षी दलों से सहयोग की उम्मीद जाहिर की है. शुक्रवार सुबह संसद पहुंचे पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि सदन में चर्चा होगी और महत्वपूर्ण बिल पास हो सकेंगे.

मोदी ने कहा, '26 नवंबर के दिन भारतीय संविधान को मंजूरी मिली थी. देशभर में संविधान के प्रति जागरूकता बढ़े. यह सौभाग्य है कि अंबेडकर जी की जयंती का ये वर्ष है. मुझे विश्वास है कि सत्र के दौरान उत्तम चर्चा से सदन भी उतना ही चमकेगा.'

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'हमारा संविधान उम्मीद की किरण'
प्रधानमंत्री ने कहा कि गुरुवार को सर्वदलीय बैठक में सभी का कहना था कि सदन चलाया जाए. वाद-विवाद और संवाद ही संसद की आत्मा है बाकी बातों के लिए पूरे देश का मैदान है. उन्होंने कहा, 'मुझे आशा है कि देश संसद से जो अपेक्षा कर रहा है हम सब मिलकर उसे पूरा करेंगे. हमारा संविधान उम्मीद की किरण है.' उन्होंने HOPE का मतलब बताते हुए कहा H- harmony(सद्भाव), O- opprortunity(मौका), P- people partilcipation (लोगों का योगदान) और E- equality (समानता).

इसके पहले उन्होंने ट्वीट करके देश की जनता को संविधान दिवस की बधाई दी और कहा कि सभी को इसका पालन करना चाहिए. उन्होंने कहा कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता. उनको नमन.

 

विपक्ष को जवाब देने की पूरी तैयारी!
शीतकालीन सत्र में विपक्ष सहनशीलता और महंगाई के मुद्दे पर सरकार को घेरने की तैयारी में है, बुधवार शाम को बीजेपी संसदीय दल की बैठक में पार्टी ने निर्णय किया है कि वह असहिष्णुता के मुद्दे पर विपक्ष के आरोपों का मुंहतोड़ जवाब देगी. केंद्र सरकार ने कहा कि वह असहिष्णुता समेत सभी मुद्दों पर संसद में चर्चा के लिए तैयार है.

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'कामकाज हमारी सरकार की प्राथमिकता'
सर्वदलीय बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा, 'हम असहिष्णुता समेत सभी मुद्दों पर बहस के लिए तैयार हैं. लेकिन संसदीय कार्यवाही और कामकाज हमारी पहली प्राथमिकता रहेगी.' सूत्रों के मुताबिक, पार्टी सदन के भीतर तमाम मुद्दों पर अपनी पकड़ मजबूत रखना चाहती है ताकि जनता के बीच यह संदेश जाए कि विपक्ष के सारे आरोप झूठे और आधारहीन हैं.

सदन में व्यवहार और कामकाजी रुख अपनाकर नरेंद्र मोदी की सरकार जनता तक यह बात पहुंचाना चाहती है कि वह शोर और हंगामा करने से इतर GST और अन्य दूसरे बिलों को लेकर सजग है. सरकार यह साफ संदेश देना चाहती है कि जीएसटी सरकार की प्राथमिकता है और देश की आर्थि‍क प्रगति के लिए जरूरी है. विपक्ष के बिगड़े तेवर के बावजूद बीजेपी को उम्मीद है कि बिल पर उसे सभी दलों का साथ मिलेगा. बताया जाता है कि वित्त मंत्री अरुण जेटली खुद जीएसटी को लेकर विपक्ष से बात कर रहे हैं.

सर्वदलीय बैठक में मान-मनौव्वल की कोशिश
सत्र शुरू होने से पहले सरकार ने सर्वदलीय बैठक के जरिए विपक्ष को मनाने की कोशिश की. गतिरोध दूर करने के लिए संसद में हुई सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ही तमाम दलों के नेता मौजूद रहे. इस दौरान प्रधानमंत्री ने विपक्ष से अपील की कि वह राष्ट्रहित में जीएसटी समेत अहम बिल पास करवाने में सरकार का करें. गौरतलब है‍ कि शीतकालीन सत्र में जीएसटी समेत 38 बिलों को पास करवाना सरकार के लिए चुनौती है. इस सत्र में मोदी सरकार द्वारा 7 नए कानून पेश किए जाने की योजना है.

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क्या चाहती है कांग्रेस
संसद सत्र से पहले कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस भी चाहती है कि जीएसटी बिल पास हो, उससे पहले वह चर्चा चाहती है. राहुल ने कहा, 'कांग्रेस असहनशीलता पर संसद में बहस कराना चाहती है.' पार्टी नेता मल्लिकार्जुन खड़गे पहले ही सदन में असहिष्णुता पर बहस के लिए नोटिस दे चुके हैं. इस मुद्दे पर सरकार को वाम दलों के साथ ही दूसरी अन्य विपक्षी दलों का भी साथ मिलेगा.

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