कोयला घोटाले में प्रधानमंत्री को आरोपी नंबर-1 बनाने की मांग करने वाले पूर्व कोयला सचिव पी सी परख की एक चिट्ठी सरकार की मुश्किलें बढ़ाने वाली है.
परख ने यह चिट्ठी साल 2005 में कोयला सचिव रहते हुए उस वक्त के कैबिनेट सचिव को लिखी थी. इस चिट्ठी में कोयला मंत्रालय के काम-काज पर गंभीर सवाल खड़े किए गए थे. उन्होंने आरोप लगाया था कि कोयला मंत्रालय को माफिया चला रहे हैं.
गौरतलब है कि तत्कालीन कोयला मंत्री शिबू सोरेन ने परख पर नेताओं को नजरअंदाज करने और उनके मौखिक आदेशों को न मानने का आरोप लगाया था. शिबू ने उनके तबादले के लिए प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखी, जिसके बाद परख ने यह चिट्ठी लिखकर जवाब दिया था.
परख कोल ब्लॉक आवंटन के लिए नीलामी आधारित सिस्टम लागू करना चाहते थे, जबकि सोरेन इसके खिलाफ थे.
कैबिनेट सचिव को 2005 में लिखी चिट्ठी में परख ने कहा था, 'मुझे खेद है कि जो सांसद संविधान की शपथ लेते हैं वे अधिकारियों को अपनी जरूरतों के लिए ब्लैकमेल करने में लगे हुए हैं. यह देश का दुर्भाग्य है कि देश में ऐसा कोई सिस्टम नहीं है जो ऐसे नेताओं की गलत हरकत पर लगाम लगा सके.'