शास्त्रीय संगीत के मेवाती घराने के जाने-माने गायक पंडित जसराज 80 साल बाद अपने पैतृक गांव पहुंचे. पंडित जसराज को देखने के लिए आसपास के गांवों के लोग भी उमड़ पड़े.
28 जनवरी 1930 को हरियाणा के फतेहाबाद जिले के गांव पीली मंदोरी में जन्मे पंडित जसराज तीन साल की उम्र में ही अपने परिवार के साथ हैदराबाद चले गए थे. जसराज अपना 84वां जन्मदिन मनाने अपने गांव पहुंचे. उनके साथ परिवार के लोग और कुछ शिष्य भी थे.
पंडित जसराज 80 साल बाद अपने जन्म स्थान पर पहुंचकर भावविभोर हो गए. पंडित जी ने गांव के स्कूल में आयोजित रंगारंग समारोह में जन्मदिन का केक काटा. पंडित जसराज ने गांव की सीमा पर स्थित हनुमान मंदिर में अपनी ही बनाई बंदिश गाई तो वहां मौजूद लोग भाव विभोर हो गए.
गांव में पंडित जसराज के नाम से एक पार्क और उनके पिताजी पंडित मोतीराम के नाम से एक पुस्तकालय का लोकार्पण भी किया गया. पंडितजी के आग्रह पर हरियाणा सरकार ने पीली मंदोरी और आसपास के गांवों में पीने के पानी की समस्या दूर करने की योजना के लिए पौने दो करोड़ रुपये मंजूर कर टेंडर भी निकाल दिए. स्थानीय सांसद ने गांव के विकास के लिए 10 लाख रुपये और विधायक ने पांच लाख रुपये अनुदान की घोषणा की. इस रकम से गांव की सड़कों और विकास परियोजनाओं का काम होगा.