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FATF से बचने के लिए इमरान की नई चाल, बोले- आतंकियों का पनाहगार नहीं PAK

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की कार्रवाई से बचने के लिए लगातार नई चाल चल रहे हैं. इमरान ने कहा है कि पाकिस्तान अब आतंकियों ने लिए सुरक्षित पनाहगार नहीं है. फ्रांस की राजधानी पेरिस में फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की बैठक चल रही है. यह बैठक 21 फरवरी तक चलेगी और इसमें पाकिस्तान के भविष्य को लेकर फैसला होना है.

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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान

  • पाक के भविष्य पर FATF की बैठक में होगा फैसला
  • फ्रांस की राजधानी पेरिस में चल रही FATF की बैठक
  • पाकिस्तान पहले ही FATF की ग्रे लिस्ट में है शामिल

इमरान खान पाकिस्तान को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की ग्रे लिस्ट से निकालने के लिए लगातार कोई न कोई नई झूठ बोल रहे हैं. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक उन्होंने कहा है कि पाकिस्तान अब पहले की तरह आतंकियों के लिए सुरक्षित जगह नहीं बची है.

इमरान ने यह बात पाकिस्तान में अफगानी शरणार्थियों के 40 साल पूरे होने के अवसर पर कही. वे इस मौके पर एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. इस सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेश भी शामिल थे.

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अफगानिस्तान में शांति चाहता है, क्योंकि पड़ोसी देश में अस्थिरता उनके लिए हित में नहीं है. इमरान ने कहा, "मैं आपको बता सकता हूं कि पाकिस्तान अब आतंकियों के लिए स्वर्ग नहीं है.'' पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने स्वीकार किया 9/11 के बाद आतंकी गतिविधि यहां अफगानी रिफ्यूजी कैंप से चलती थी. इसे रोकना आसान नहीं था, क्योंकि यहां इन रिफ्यूजी की आबादी एक लाख से ज्यादा है.

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21 फरवरी तक पेरिस में FATF की बैठक

बता दें कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का ये बयान उस समय आया है जब फ्रांस में एफएटीएफ की बैठक चल रही है. 21 फरवरी तक चलने वाली इस बैठक में पाकिस्तान के भविष्य को लेकर बड़ा फैसला होना है. पाकिस्तान पर आरोप था कि वह आतंकी संगठनों को फंड मुहैया कराने वाले नेटवर्क का समर्थन करता है.

इस बैठक में यह फैसला होना है कि या तो पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से बाहर कर दिया जाया या फिर उसे ब्लैक लिस्ट में भी डाला जा सकता है. बता दें कि पाकिस्तान पर अमेरिका, भारत और अफगानिस्तान लंबे समय से आरोप लगाता रहा है कि वह लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों की पनाहगार बना हुआ है.

पाकिस्तान पहले ही ग्रे-लिस्ट में शामिल

आतंकवाद को समर्थन देने के कारण फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने पहले से ही उसे ग्रे-लिस्ट में डाल रखा है. पाकिस्तान पर आरोप था कि वह आतंकी संगठनों को फंड मुहैया कराने वाले नेटवर्क का समर्थन करता है. बाद में एफएटीएफ के दबाव के चलते पाकिस्तान ने दिखावे के लिए कुछ कदम उठाए लेकिन वह अपनी कार्रवाई से एफएटीएफ को संतुष्ट नहीं कर पाया है.

हाल ही में आस्ट्रेलिया ने पाकिस्तान की ग्रे-लिस्टिंग का समर्थन किया था और कहा था कि पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट में शामिल करने पर विचार किया जाना चाहिए. ऐसे में अब इस बैठक में पाकिस्तान के मुद्दे पर फैसला हो सकता है.

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