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अपने वतन पहुंचे राष्ट्रीय राइफल के जवान चंदू बाबूलाल चौहान, मीडिया से रखा गया दूर

अब चंदू से खूफिया एजेंसी, विदेश मंत्रालय और दूसरे विभाग बातचीत करेंगे कि किस तरीके से साढ़े तीन महीने पाकिस्तान ने उनको अपने कब्जे में रखा और उनके साथ कैसा व्यवहार किया गया. चंदू से तमाम जानकारियां जुटाई जाएंगी.

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राष्ट्रीय राइफल्स के जवान चंदू बाबूलाल चौहान
राष्ट्रीय राइफल्स के जवान चंदू बाबूलाल चौहान

राष्ट्रीय राइफल्स के जवान चंदू बाबूलाल चौहान को 21 जनवरी के दिन पाकिस्तान ने रिहा कर दिया है. चौहान करीब साढ़े तीन महीने पाकिस्तान के कब्जे में थे. शनिवार दोपहर पाकिस्तान ने औपचारिकताएं पूरी करने के बाद बाघा बॉर्डर पर चंदू को इंडियन अथॉरिटी को सौंप दिया. चंदू को मीडिया से दूर रखा गया है.

राष्ट्रीय राइफल के जवान चंदू बाबूलाल चौहान सर्जिकल स्ट्राइक के अगले दिन उरी सेक्टर से गलती से PAK सीमा में प्रवेश कर गए थे, जिसके बाद पाकिस्तान आर्मी ने उनको हिरासत में ले लिया था. साढ़े तीन महीने तक चंदू को पाकिस्तान ने अपने कब्जे में रखा. तभी से भारत ने बार-बार पाकिस्तान पर दबाव बनाया कि चंदू को छोड़ा जाए.

चंदू बाबूलाल चौहान गलती से एलओसी क्रॉस करके गए, लेकिन पाकिस्तान से लगातार बात करने के बाद भी चंदू को साढ़े तीन महीने के बाद पाकिस्तान ने रिहा किया. 29 सितंबर, 2016 को यह घटना हुई थी और खास बात यह है कि चंदू सर्जिकल स्ट्राइक करने वाली टीम का हिस्सा भी नहीं थे.

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अब चंदू से खूफिया एजेंसी, विदेश मंत्रालय और दूसरे विभाग बातचीत करेंगे कि किस तरीके से साढ़े तीन महीने पाकिस्तान ने उनको अपने कब्जे में रखा और उनके साथ कैसा व्यवहार किया गया. चंदू से तमाम जानकारियां जुटाई जाएंगी.



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