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कारगिल युद्ध में बड़ा खुलासा, युद्ध में लड़ी थी पाकिस्‍तानी सेना

भारत-पाक कारगिल युद्ध पर बड़ा खुलासा हुआ है. ये खुलासा किया है कि पाक सेना के पूर्व कर्नल ने जिन्होंने कहा है कि कारगिल युद्ध में पाक सेना ही लड़ी थी. साथ ही मार्च 1999 में युद्ध के दौरान खुद परवेज मुशर्रफ ने एलओसी पार की थी.

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भारत-पाक कारगिल युद्ध पर बड़ा खुलासा हुआ है. ये खुलासा किया है कि पाक सेना के पूर्व कर्नल ने जिन्होंने कहा है कि कारगिल युद्ध में पाक सेना ही लड़ी थी. साथ ही मार्च 1999 में युद्ध के दौरान खुद परवेज मुशर्रफ ने एलओसी पार की थी.

रिटायर्ड फौजी अफसर ने तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और आर्मी चीफ जनरल परवेज मुशर्रफ की करतूतों से परदा हटा दिया है और सबके सामने पाकिस्तान को बेनकाब कर दिया है. इस पाक फौजी अफसर का कहना है कि परवेज मुशर्रफ ने कारगिल युद्ध को सफलता करार दिया था.

परवेज मुशर्रफ का कहना है कि नवाज शरीफ के कारण पाकिस्तान कारगिल युद्ध हारा.

इससे पहले कारगिल प्रकरण को लेकर पाकिस्तान के एक सेवानिवृत्त जनरल की ओर से किए गए खुलासों के बाद अब मुख्य विपक्षी दल पीएमएल-एन ने भारत के साथ 1999 में हुए इस संघर्ष की न्यायिक जांच की मांग की है.

पीएमएल-एन के वरिष्ठ नेता चौधरी निसार अली खान ने संवाददाताओं से कहा, ‘मुशर्रफ के एक निकट सहयोगी की ओर से किए गए खुलासों के मद्देनजर कारगिल प्रकरण की जांच के लिए एक न्यायिक आयोग का गठन करना चाहिए.’

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उन्होंने कहा, ‘करगिल में पाकिस्तान के 500 से अधिक सैनिक एवं अधिकारी मारे गए, लेकिन अब तक कोई जांच नहीं हुई.’ खान ने कहा कि भारत ने कारगिल प्रकरण की वर्षों पहले जांच करा ली और जांच रिपोर्ट सार्वजनिक भी कर दी. कारगिल प्रकरण के समय पाकिस्तान में पीएमएल-एन के नेतृत्व वाली सरकार थी और इसके नेता नवाज शरीफ प्रधानमंत्री थे.

लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) शाहिद अजीज कारगिल प्रकरण के समय आईएसआई की विश्लेषण शाखा के प्रमुख थे. उन्होंने अपने सेना के दिनों को लेकर किताब लिखी है. अजीज ने अपनी पुस्तक में दावा किया है कि शुरुआत में कारगिल अभियान के बारे में मुशर्रफ और तीन अन्य शीर्ष सैन्य अधिकारियों को जानकारी थी. उन्होंने कहा कि कारगिल अभियान को लेकर शुरुआती दौर में सेना के बड़े-बड़े अधिकारी अनभिज्ञ थे.

हाल ही में दिए गए साक्षात्कार में अजीज ने कहा, ‘कारगिल एक नाकामी थी क्योंकि इसका मकसद और नतीजा हमें अपने लोगों एवं देश से छिपाना पड़ा. इसका कोई मकसद नहीं था और कोई योजना भी नहीं थी. आज तक यह नहीं पता चला कि कारगिल में कितने पाकिस्तानी सैनिक मारे गए.’

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