राफेल डील विवाद पर कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के बीच जुबानी जंग जारी है. केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा Rafale Deal मामले में राहुल गांधी पर निशाना साधने के बाद सोमवार को पलटवार करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने कहा कि सरकार इस मामले में जांच का आदेश देने से इनकार कर रही है, यह दुखद है.
पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम ने ट्वीट किया, 'वित्त मंत्री (जेटली) कहते हैं कि सच के दो पहलू नहीं हो सकते, बिल्कुल सही. वित्त मंत्री के मुताबिक यहां दो पहलू हैं. ऐसे में यह पता लगाने का सही तरीका क्या है कि कौन सा पहलू सही है?'
उन्होंने कहा, 'या तो जांच का आदेश दिया जाए या फिर फिर टॉस करा लिया जाए. मुझे लगता है कि वित्त मंत्री टॉस कराना (वो भी दोनों तरफ हेड वाले सिक्के से) पसंद करेंगे.'
Either (1) order an inquiry or (2) toss a coin. I suppose the FM would prefer to toss a coin (preferably with 'head' on both sides)!
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) September 24, 2018उन्होंने कहा, 'यह दुखद है कि सरकार सिलसिलेवार हुए घटनाक्रमों को नहीं देख रही है और जांच का आदेश देने से इनकार कर रही है.'
राफेल मामले में फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलोंद के कथित बयान को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था. उसपर जेटली ने पलटवार किया और आरोप लगाया कि गांधी सच नहीं बोल रहे और उनके व ओलोंद के बीच 'जुगलबंदी' दिखाई देती है.
दरअसल, राहुल गांधी और कांग्रेस पिछले कई महीनों से यह आरोप लगाते आ रहे हैं कि मोदी सरकार ने फ्रांस की कंपनी दसाल्ट से 36 राफेल लड़ाकू विमान की खरीद का जो सौदा किया है, उसका मूल्य पूर्ववर्ती यूपीए सरकार में विमानों की दर को लेकर जो सहमति बनी थी उसकी तुलना में बहुत अधिक है. इससे सरकारी खजाने को हजारों करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है.
पार्टी ने यह भी दावा किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सौदे को बदलवाया और एचएएल से ठेका लेकर रिलायंस डिफेंस को दिया गया.
.