मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सहित अन्य दलों ने सोमवार को राज्यसभा में उस मीडिया रिपोर्ट पर केंद्र सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है, जिसमें कहा गया है कि वालमार्ट ने भारत में खुदरा क्षेत्र में विदेशी निवेश का मार्ग प्रशस्त करने के लिए अमेरिका में लॉबिंग की.
इस मुद्दे पर विपक्षी दलों के भारी हंगामे के कारण राज्यसभा की कार्यवाही कई बार बाधित हुई और अंतत: पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई.
भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने यह मुद्दा शून्यकाल के दौरान उठाया. इस संबंध में समाचार-पत्रों की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह रिश्वत का मामला है.
वामपंथी दलों तथा तृणमूल कांग्रेस के साथ-साथ विपक्ष की अन्य पार्टियों ने भी उनका समर्थन किया. विपक्षी दलों के सदस्यों ने खुदरा क्षेत्र में एफडीआई की अनुमति देने का केंद्र सरकार का फैसला रद्द करने और इस मामले की जांच कराने की मांग की.
प्रसाद ने कहा, 'आज के सभी प्रमुख समाचार पत्रों में रिपोर्ट है कि वालमार्ट ने स्वयं कहा है कि 125 करोड़ रुपये लॉबिंग पर खर्च हुए. अकेले वर्ष 2012 में उसने केवल भारत में लॉबिंग पर 30 लाख डॉलर खर्च किए.'
उन्होंने कहा, 'भारत में लॉबिंग गैर-कानूनी है और यदि वालमार्ट ने लॉबिंग का जिक्र किया है तो यह रिश्वत का मामला है. उसने किसे रिश्वत की ये राशि दी? केंद्र सरकार को यह बताना चाहिए. यह बहुब्रांड खुदरा क्षेत्र में बड़ा सवाल खड़े करता है. सरकार को एफडीआई पर अपना निर्णय तत्काल रोक कर इस मामले की जांच करानी चाहिए और इस पर स्पष्टीकरण देना चाहिए.'
जनता दल (युनाइटेड) के नेता शिवानंद तिवारी ने पीठासीन अधिकारी से अनुरोध किया कि वह इस मामले के स्पष्टीकरण के लिए प्रधानमंत्री को सदन में बुलाएं.
इसके बाद केंद्रीय संसदीय कार्य राज्य मंत्री राजीव शुक्ला ने कहा कि वह इस बारे में संबंधित मंत्री को अवगत करा देंगे. लेकिन विपक्ष की नारेबाजी जारी रही, जिसके कारण राज्यसभा के उप सभापति पी. जे. कुरियन ने सदन की कार्यवाही पहले 10 मिनट के लिए, फिर दोपहर दो बजे तक के लिए और अंतत: पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी.