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आजादी के बाद फांसी की सजा पाने वाले 1414 कैदियों में से सिर्फ 72 मुस्लिम

याकूब मेमन की फांसी को सांप्रदायिक रंग देकर सियासी नफा-नुकसान की कोशिशें लगातार जारी हैं. जानी-मानी हस्तियां भी याकूब को फांसी देने के खिलाफ हैं लेकिन एक रिपोर्ट में जो खुलासा हुआ है वह आंखें खोल देने वाला है.

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याकूब मेमन को 30 जुलाई को दी जानी है फांसी
याकूब मेमन को 30 जुलाई को दी जानी है फांसी

याकूब मेमन की फांसी को सांप्रदायिक रंग देकर सियासी नफा-नुकसान की कोशिशें लगातार जारी हैं. जानी-मानी हस्तियां भी याकूब को फांसी देने के खिलाफ हैं. याकूब की फांसी का विरोध करने वाले ज्यादातर लोगों का मानना है कि उसे मुसलमान होने के चलते फांसी दी जा रही है, लेकिन एक रिपोर्ट में जो खुलासा हुआ है वह सबकी आंखें खोल देने वाला है.

नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (NLU) दिल्ली के 'डेथ पेनाल्टी रिसर्च प्रोजेक्ट' के मुताबिक, आजादी के बाद से अब तक देश में तकरीबन 1414 को फांसी दी गई, जिनमें से मात्र 72 कैदी ही मुस्लिम हैं. यानी फांसी की सजा पाने वाले कुल कैदियों की संख्या के पांच फीसदी भी नहीं. हालांकि रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कुल कैदियों की संख्या के बारे में पुख्ता पता नहीं चल सका है.

राज्यवार आंकड़ों पर एक नजर
* न्यू इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 1968 तक आंध्र प्रदेश में कुल 27 लोगों को फांसी दी गई जिनमें से सिर्फ दो मुस्लिम थे.

* दिल्ली में कुल 25 कैदियों को फांसी दी गई, जिनमें चार मुस्लिम थे.

* हरियाणा में 103 लोगों को फांसी हुई जिनमें सिर्फ एक ही कैदी मुस्लिम था.

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* मध्य प्रदेश में अब तक कुल 78 दोषियों को फांसी दी गई. इनमें से सिर्फ पांच दोषी ही मुस्लिम थे.

* कर्नाटक में जिन 39 लोगों को फांसी की सजा हुई उनमें तीन मुस्लिम थे.

* महाराष्ट्र में अब तक कुल 56 लोगों को सजा-ए-मौत हुई जिनमें से कुल पांच दोषी ही मुस्लिम थे.

* उत्तर प्रदेश में 366 कैदियों को फांसी की सजा सुनाई गई जिनमें 45 दोषी मुस्लिम थे.

* इसी तरह पश्चिम बंगाल में कुल 32 लोगों को फांसी हुई जिनमें से सात मुस्लिम थे.

कश्मीर में एक भी मुस्लिम को नहीं हुई फांसी
रिपोर्ट में बताया गया है कि केरल सरकार ने कैदियों के बारे में कोई ठोस रिकॉर्ड बनाया ही नहीं. ऐसे ही आंध्र प्रदेश में 1968 के बाद मौत की सजा पाने वाले कैदियों का रिकॉर्ड नहीं मिला. रिसर्च टीम में शामिल रहे लोगों ने बताया कि देश की कई सेंट्रल जेलों ने कुछ निर्धारित समय के आंकड़े ही उपलब्ध कराए तो तमिलनाडु की जेलों ने किसी तरह का भी आंकड़ा देने से इंकार कर दिया. आतंकवाद के निशाने पर रहने वाले जम्मू कश्मीर में अब तक किसी भी मुस्लिम को फांसी की सजा नहीं दी गई है.

47000 से ज्यादा लोगों की मौत
जम्मू-कश्मीर से मिले आंकड़ों के मुताबिक, 2009 तक आतंकवादी गतिविधियों और इससे जुड़ी हिंसा में करीब 47000 लोग मारे गए हैं. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि उड़ीसा, राजस्थान और पंजाब में एक भी मुस्लिम कैदी फांसी के फंदे तक नहीं पहुंचा.

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अबु आजमी ने कहा- निर्दोष है याकूब
याकूब की फांसी को लेकर आंध्र प्रदेश से MIM नेता असदुद्दीन ओवैसी, समाजवादी पार्टी के नेता अबु आजमी विरोध जता रहे हैं. दोनों का आरोप है कि याकूब को फांसी देने की वजह सिर्फ उसका मजहब है. आजमी ने कहा कि केंद्र सरकार मुसलमानों के खिलाफ काम कर रही है. उन्होंने यह भी दावा किया कि याकूब निर्दोष है. वह अपने भाई के साथ फरार नहीं हुआ, लेकिन उसने कोई भी बड़ा अपराध नहीं किया है.'

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