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सीरिया को सबक सिखाना जरूरी: बराक ओबामा

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने सीरिया पर हमले के फैसले का ऐलान किया है. ओबामा ने कहा कि वो पहले अमेरिकी कांग्रेस से अपने फैसले की मंजूरी लेंगे. हालांकि इस मामले में ओबामा ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को किनारे कर दिया. उन्होंने कहा कि सीरिया में केमिकल हमला मानवता पर हमला है, लिहाजा उसे सबक सिखाना होगा.

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बराक ओबामा
बराक ओबामा

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने सीरिया पर हमले के फैसले का ऐलान किया है. ओबामा ने कहा कि वो पहले अमेरिकी कांग्रेस से अपने फैसले की मंजूरी लेंगे. हालांकि इस मामले में ओबामा ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को किनारे कर दिया. उन्होंने कहा कि सीरिया में केमिकल हमला मानवता पर हमला है, लिहाजा उसे सबक सिखाना होगा.

ओबामा ने ये साफ नहीं किया है कि सीरिया में हमला कब होगा, लेकिन उन्होंने कहा कि चुने हुए ठिकानों को निशाना बनाया जाएगा. उन्होंने सीरियाई हमले को 'दुनिया के लिए चुनौती' कहा है. इस हमले से अमेरिका के सहयोगी इजराइल, तुर्की और जोर्डन को खतरा पैदा हो गया है, जबकि इस तरह के हथियार आतंकवादियों के हाथों पड़ने का भी खतरा पैदा हो गया है.

हमले के अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा के ऐलान पर सीरिया ने तीखी प्रतिक्रिया जताई है. सीरिया के प्रधानमंत्री वाएल-अल-हलकी ने कहा है कि सीरियाई सेना किसी भी तरह के पश्चिमी हमले का जवाब देने के लिए तैयार है. सीरिया के सरकारी टेलीविजन के मुताबिक हलकी ने इटली में सीरियाई विस्थापितों के साथ बैठक में ये बात कही.

सीरिया पर अमेरिकी हमले की तैयारी का विरोध शुरु हो गया है. अमेरिका में व्हाइट हाउस के सामने हजारों लोगों ने प्रदर्शन किया और ओबामा सरकार के फैसले के खिलाफ नारेबाजी की.

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उधर ब्रिटेन में भी सीरिया पर हमले की तैयारी का विरोध हो रहा है. ब्रिटिश संसद में सीरिया पर हमले का प्रस्ताव गिर चुका है. लंदन में लोगों ने रैली निकालकर सीरिया के खिलाफ कार्रवाई का प्रस्ताव गिरने पर खुशी जताई और अमेरिकी कार्रवाई की तैयारी की निंदा की.

दूसरी ओर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शनिवार को कहा कि सीरियाई सरकार ने कभी भी रासायनिक हथियार का इस्तेमाल नहीं किया और दमिश्क के बाहरी इलाके में हाल ही में हुए रासायनिक हमले को भड़काऊ करार दिया.

संयुक्त राष्ट्र के निर्णय का समर्थन करेगा भारत

भारत ने युद्ध प्रभावित सीरिया में घटनाक्रमों को ‘‘परेशान करने वाला’’ बताते हुए आशा जतायी कि हिंसा से बचा जाएगा. भारत ने साथ ही चेतावनी दी कि स्थिति नियंत्रण से बाहर हो सकती है और यह उस देश के नजदीक अन्य क्षेत्रों में भी फैल सकती है.

यह पूछे जाने पर कि क्या भारत इस मुद्दे पर अमेरिका के साथ सम्पर्क में है, खुर्शीद ने कहा, ‘कूटनीतिक स्तर पर निश्चित तौर पर हमारे राजदूत अमेरिका के साथ सम्पर्क में हैं.’ खुर्शीद ने आशा जतायी कि विश्व वहां पर होने वाले घटनाक्रमों को गंभीरता से लेगा क्योंकि वहां पर 60 से 70 लाख भारतीय प्रवासी हैं. उन्होंने उम्मीद जतायी कि सीरिया सरकार वहां पर रहने वाले भारतीयों और मिशन के अधिकारियों की सुरक्षा के लिए सभी कदम उठाएगी. उन्होंने कहा कि भारत निश्चित तौर पर इस मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र के निर्णय का समर्थन करेगा.

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