राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल के बेटे विवेक डोभाल द्वारा पटियाला हाउस कोर्ट में दाखिल किए गए मानहानि केस में मंगलवार को कोर्ट ने संज्ञान ले लिया है. पटियाला हाउस कोर्ट में 30 जनवरी को विवेक डोभाल का बयान दर्ज किया जाएगा. विवेक डोभाल की तरफ से 3 गवाहों के भी बयान दर्ज करवाए जाएंगे. अमित शर्मा और निखिल कपूर के अलावा एक और नाम होगा जो विवेक डोभाल के वकील अगली तारीख पर कोर्ट में बताएंगे.
केस की पहली सुनवाई पर विवेक डोभाल के वकील ने पटियाला हाउस कोर्ट को बताया कि सारे देश को पता है कि D कंपनी का क्या मतलब है. विवेक डोभाल और उनके पिता को बदनाम करने के लिए कारवां मैगजीन में उनकी कंपनी की तुलना डी कंपनी के साथ की गई.
विवेक डोभाल ने कहा, 'जो कुछ भी मुझे बदनाम करने के लिए न्यूज आर्टिकल में कहा गया और जिस तरीके से सोशल मीडिया पर लोगों ने उस पर रिएक्ट किया, उससे मैं और मेरा परिवार बेहद परेशान रहा है. मैं विदेश में रहकर अपनी कंपनियां चला रहा हूं और इस आर्टिकल से मेरी छवि खराब होने के साथ-साथ मुझ पर लोगों की शक की निगाहें रहीं.'
विवेक डोभाल ने कोर्ट से कहा, 'मैने जो कुछ भी हासिल किया है वो अपने दम पर अपनी मेहनत से हासिल किया है. इसमें मेरे परिवार का कुछ भी सहयोग नहीं है. मैंने कभी भी पारिवारिक संबंधों को अपने काम को बढ़ाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया. पूरी दुनिया में पिछले 2 साल में बाजार बहुत टूटा है. मैंने भी बहुत संघर्ष किया है. अभी भारत में मैं कोई भी बिजनेस डील नहीं की है और मैंने भारत में पहले भी कभी किसी नियम को नहीं तोड़ा.
उन्होंने कहा, 'मेरे पिता जो देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हैं, उनको बेवजह इसमें घसीटा जा रहा है, जबकि मेरे पिता मेरी किसी भी कंपनी में किसी भी पद पर नहीं हैं. मेरी कंपनियों की तुलना डी कंपनी से की गई. मुझ पर लगाए गए आरोप पूरी तरह से झूठे है.' विवेक डोभाल ने सोमवार को ही कांग्रेस नेता जयराम रमेश और कारवां मैगजीन पर मानहानि का केस दाखिल किया है.
अंग्रेजी मैगजीन द कारवां ने अपनी सनसनीखेज रिपोर्ट में खुलासा किया था कि प्रधानमंत्री मोदी की ओर से नोटबंदी की घोषणा के 13 दिन बाद एनएसए अजीत डोभाल के बेटे विवेक डोभाल ने केमैन आईलैंड में जीएनवाई एशिया फंड नाम की हेज फंड (निवेश निधि) कंपनी का पंजीकरण कराया. इस लेख के बाद कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने आरोप लगाया था कि अजीत डोभाल के दोनों बेटे जीएनवाई एशिया के जाल में फंसे हैं, जो बिल्कुल डी-कंपनी की तरह है.