मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अभिनेता रजा मुराद के बयान से पार्टी के अंदर बिगड़े माहौल को संभालने की कोशिश की है. शिवराज ने ट्वीटर पर नरेंद्र मोदी की तारीफों के पुल बाधंते हुए उनकी तुलना सरदार वल्लभ भाई पटेल से कर डाली.
आमतौर पर गुजरात के मुख्यमंत्री की तुलना बीजेपी में शिवराज सिंह चौहान से की जाती है. पार्टी में आडवाणी से लेकर कई बड़े नेता मोदी से ज्यादा तारीफ शिवराज सिंह चौहान की कर चुके हैं. लेकिन ये बात शिवराज भी जानते हैं कि इस वक्त हवा मोदी के पक्ष में बह रही है और ये भी सच है कि जो हवा के रुख के साथ नहीं बहता, वो देर तक उड़ नहीं पाता. इसीलिए शिवराज सिंह के इस ट्वीट का कुछ और मतलब भी निकाला जा रहा है.
दरअसल, दो दिन पहले ही रजा मुराद ने एक कार्यक्रम में टोपी ना पहनने वाली बात पर मोदी की खिंचाई की थी और शिवराज सिंह की तारीफ की थी. खास बात है कि ये सारी बातें शिवराज सिंह चौहान की आंखों के सामने हुई लेकिन फिर भी मध्य प्रदेश के मुखिया चुप रह गए थे.
मौके पर शिवराज तो चुप रह गए लेकिन उनकी चुप्पी पर सवाल उठने लगे थे कि क्या शिवराज सिंह का मन मोदी के साथ नहीं मिल रहा है? सूत्रों के मुताबिक चुनाव प्रचार अभियान से ठीक पहले उठ रहे इन सवालों पर विराम लगाना भी जरूरी था. लिहाजा शिवराज सिंह चौहान पर दबाव बढ़ाया गया. माना जा रहा है कि दबाव में आकर ही शिवराज सिंह चौहान ने मोदी की तारीफ की ताकि बात बराबर हो जाए.